कई बार ऐसा होता है कि आप सफलता के बहुत करीब होते हैं लेकिन फिर भी सफलता आपके हाथ नहीं लगती, ऐसा आपकी आदतों के कारण से होता है। यदि आपको सफलता हासिल करनी है तो आप चाणक्य की नीतियों को अपनाएं। चाणक्य की नीतियां आपको इस स्वार्थी संसार की सच्चाई बताता है। चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य अपनी गलतियों से ही अपनी सफलता को असफलता में बदल देता है। लालच बुरी बला है जो कि व्यक्ति का मरते दम तक भी साथ नहीं छोड़ती है। व्यक्ति को अपनी इन आदतों पर काबू पाना बेहद जरूरी होता है। चाणक्य के अनुसार व्यक्ति अपनी गलतियों से ही हाथ आई सफलता को खो देता
ध्रुवाणि तस्य नश्यन्ति चाध्रुवं नष्टमेव हि।।
: चाणक्य ने अपने श्लोक में यह कहा है कि जो व्यक्ति निश्चित काम को छोड़कर और अनिश्चित काम का सहारा लेता है, तो वह अपने निश्चित काम से भी हाथ धो बैठता है। अनिश्चित तो स्वयं ही नष्ट होता है, इसका अर्थ यह है कि जो व्यक्ति सही को छोड़कर गलत का सहारा लेता है फिर ऐसा व्यक्ति सही को भी खो देता है। आपको सफलता तभी हासिल होगी जब आप की रणनीतियां अच्छी होंगी। चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति सही गलत कि परख रखता है वह दुनिया पर राज करता है।
किसी चमत्कार पर नहीं, अपनी मेहनत पर करें भरोसा
: आचार्य चाणक्य ने अपने पहले अध्याय के 13वें श्लोक में यह बताया है कि व्यक्ति अपने पास की चीजों को नजरअंदाज करता है और दूर की चीजों को हासिल करने का प्रयास करता है जिस कारण से वह दोनों चीजों को ही खो देता है। चाणक्य कहते हैं कि यह हाल व्यक्ति का तब होता है जब वह बिना प्लानिंग के कार्य करता है। उनका कहना है कि व्यक्ति मेहनत करना ही नहीं चाहता, वह चाहता है कि बिना मेहनत किए उसे जल्द से जल्द फल प्राप्त हो जाए।
: आपने जिस काम का लक्ष्य पहले निर्धारित कर लिया है उस कार्य को सबसे पहले करना चाहिए, क्योंकि उसका नतीजा कई हद तक आपके पक्ष में ही होता है। जो व्यक्ति लालच का त्याग कर देता है वह अपने हर कार्य में कामयाब होता है। समझदारी इसी में है कि आपके पास जो भी वस्तुएं है आप उन्हीं में संतोष करें।
भूल से भी शनिवार के दिन इन कार्यों को ना करें