Vidur Niti : महात्मा विदुर जी ने अपने नीति में मनुष्य के ऐसे 4 लक्षणों को बताया है यदि किसी व्यक्ति में ये 4 लक्षण हैं तो वह आगे चलकर संसार में कीर्ति पाता है, ऐसा ही मनुष्य जीवन में सफल होता है और संसार इनका ही गुणगान करता है। महात्मा विदुर ने अपनी नीति में मूर्ख एवं महान दोनों तरह के लोगों का वर्णन किया है। विदुर नीति के अनुसार मूर्ख लोग अपने जीवन में बार-बार अपमानित होते हैं और उन्हें अपने जीवन में असफलता मिलती है और ना ही सम्मान। मूर्ख व्यक्ति सम्मान और सफलता पाने के लिए हर प्रकार से प्रयास करता है, लेकिन उस व्यक्ति के स्वभाव में दोष होने के कारण इसकी प्राप्ति नहीं कर पाता और जीवन भर अपमान दुख दरिद्रता का सामना करता है। वही बुद्धिमान लोग अपने कुशल व्यवहार और आचरण से सभी का मन जीत लेते हैं ना चाहते हुए भी इन्हें सम्मान मिलता है। इसलिए एक मनुष्य को चाहिए कि वह बुद्धिमान और माननीय व्यक्ति की तरह आचरण करें ना की किसी मूर्ख व्यक्ति की तरह, इसलिए महात्मा विदुर के द्वारा बताए गए इन 4 लक्षणों के बारे में अवश्य जानना चाहिए। यदि आप नहीं जानते तो आपको बता दें की विदुर जी धर्मराज के अवतार थे, इस कारण उन्हें भूत और भविष्य का ज्ञान था। उन्होंने मनुष्य के जीवन के कल्याण हेतु नीतियों की रचना की है। चलिए हम आपको बताते हैं कि महात्मा विदुर ने अपनी नीतियों में किन 4 लक्षणों के बारे में बताया है।
1. बढ़-चढ़कर बोलना-
महात्मा विदुर कहते हैं जो व्यक्ति सत्य बोलता है कभी अपने बारे में या दूसरे के विषय में बढ़-चढ़कर नहीं बोलता, अनावश्यक बातें नहीं कहता, ना ही किसी की अधिक प्रशंसा करता है और ना ही किसी की चापलूसी वही व्यक्ति सम्मान प्राप्त करता है। मूर्ख लोग खुद की बड़ाई स्वयं ही करने लगते हैं चाहे उन्हें लोग पसंद करें या ना करें। मूर्ख लोग दूसरे व्यक्ति के सामने अपना गुणगान स्वयं ही करने लगते हैं जिस कारण से मूर्ख व्यक्ति का सम्मान नहीं होता।
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2. विवाद को सह लेना-
विदुर नीति के अनुसार, बुद्धिमान एवं माननीय लोग विवाद या इनके विषय में कही गई बातों को सह लेते हैं और उसका विरोध नहीं करते अपने मन एवं वाणी पर संयम रखते हैं। इन्हें पता होता है कि सही समय आने पर सत्य अपने आप बाहर आ जाता है। इसलिए यदि इन्हें कोई कितना भी भला बुरा क्यों ना कहें ये उस मूर्ख को जवाब नहीं देते।
3. ज्ञान होना-
जिस व्यक्ति के पास ज्ञान होता है वह हर समस्या का समाधान कर लेता है। एक ज्ञानी व्यक्ति की समाज में रह रहे लोग भी प्रशंसा करते हैं और उन्हें सम्मान देते हैं।
4.क्रोध से विचलित ना होना-
विदुर नीति के अनुसार माननीय और बुद्धिमान लोग क्रोध आने पर भी संयम रखते हैं वह क्रोध आवेश में विचलित नहीं होते। इसलिए विदुर जी का कहना है कि क्रोध को अपने वश में रखें क्योंकि कई बार क्रोध में आकर व्यक्ति ऐसा फैसला ले लेता है जिसका बाद में पछतावा होता है।
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