किरण शर्मा
मध्य प्रदेश के सिरसा गांव में शनिवार को गुर्जर समाज के आराध्य भगवान देवनारायण का 1111वां अवतरण महोत्सव मनाया गया था। इस मौके पर 2 लाख श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया था। इस भंडारे में बड़े अनोखे तरीके से प्रसाद तैयार किया गया, आपने हमेशा बर्तनों में प्रसाद तैयार करते हुए देखा होगा पर इस भंडारे में बर्तनों की जगह सीमेंट कंक्रीट मिक्सर से
प्रसाद तैयार किया गया था। साथ ही सब्जी और खीर को बर्तनों की जगह ईंट- सीमेंट की बनी होदियों में रखा गया और ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर श्रद्धालुओं को परोसा गया। दरअसल, सिरसा गांव के विशाल परिसर में भगवान देवनारायण मंदिर में पिछले 7 दिनों से यहां भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा था। भागवत कथा के समापन के बाद हर शाम भंडारा भी किया जाता था अब यानी कि सातवें दिन विशाल भंडारा बड़े ही अनोखे अंदाज में किया गया और लाखों श्रद्धालुओं को प्रसाद ग्रहण कराया गया।
गांवानुसार सौंपी गई जिम्मेदारी-
इस भंडारे में बड़ी मात्रा में प्रसाद बनाने के लिए 100 से अधिक हलवाई लगे हुए थे। इसके अलावा
250 स्वयंसेवकों की टीम ईट सीमेंट की बनी टंकियों में भरी सब्जी, खीर और मालपुओ को बाल्टियों में भरकर परोसने में लगी हुई थी। भंडारे में सीमेंट- कंक्रीट मिक्सर से मालपुआ का घोल तैयार किया गया और सब्जी और खीर को सीमेंट से बनी होदियों में रखा गया और सभी लोगों को पत्तलो में परोसा गया था।
इस विशाल भंडारे की व्यवस्था की जिम्मेदारी संत शीतलदास महाराज ने गांववार बांट दी थी।
किसी गांव को प्रसाद बनाने की जिम्मेदारी दी गई, किसी को परोसने की, किसी को पत्तल उठाने की, तो किसी को गाड़ियों को सही से पार्क कराने की जिम्मेदारी दी गई। इस तरह भंडारे का आयोजन किया गया। आयोजन के लिए ग्वालियर चंबल संभाग के गुर्जर समाज से चंदा इकट्ठा किया गया था। लोगों ने अपनी श्रद्धानुसार गेहूं, चावल समेत अन्य वस्तुओं का भी दान दिया। लाखों लोगों के लिए प्रसाद बनाने के लिए 100 से अधिक हलवाई लगाए गए थे और सभी लोगों ने अपना-अपना सहयोग दिया।
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कौन- है भगवान देवनारायण-
भगवान देवनारायण राजस्थान के लोक देवता, महान योद्धा और शासक थे। इन्हें विष्णु का अवतार भी माना जाता है, इनका जन्म गुर्जर समाज में हुआ था। इसलिए गुर्जर समाज के लोगों की इनके प्रति बेहद आस्था है। इन्हें गो-वंश का रक्षक भी माना जाता है। इन्होंने अपने जीवन में कई चमत्कार दिखाए थे, जिसकी वजह से लोग इन्हें भगवान के रूप में मानते हैं।
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