ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन केंद्र के पहले लॉन्च पैड से लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान SSLV D2 के दूसरे संस्करण को लांच किया। इसे ठीक 9:18 पर इसरो ने लांच किया। इसरो का कहना है कि SSLV D2 अपनी उड़ान के 15 मिनट के दौरान ही 50 किलोमीटर गोलाकार कक्ष में 3 उपग्रह को स्थापित करने का प्रयास करेगा। इसमें इसरो का EOS-07, चेन्नई के स्टार्टअप SpaceKidz का AzaadiSAT-2 और अमेरिका का Janus-1 शामिल है।
ISRO launches SSLV-D2 rocket carrying 3 satellites from Sriharikota
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— ANI Digital (@ani_digital) February 10, 2023
SSLV D-2 की खासियत-
1. यह पृथ्वी की निचली कक्षाओं में 500 किलो तक प्रक्षेपण कर सकता है और कम लागत वाला है।
2. इसकी लंबाई 34 मीटर है, 2 मीटर व्यास है, 120 टन वाला लांच व्हीकल है।
3. इसमें तीन सॉलिड प्रोपल्शन स्टेज, वेलोसिटी टर्मिनल मॉड्यूल भी है।
4. SSLV का पहला परीक्षण पिछले साल 9 अगस्त को हुई थी, यह आंशिक रूप से विफल रहा था।
इससे पहले इसरो ने विस्तार से बुधवार को बताया था कि पिछले साल लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान की पहली सफल उड़ान में क्या गड़बड़ी हुई और वह मिशन पूरा क्यों ना हो सका। SSLV D-1 ने पिछले साल 7 अगस्त श्रीहरिकोटा को श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से परिक्षेपण किया था। उस मिशन का उद्देश्य इसरो के EOS-02 उपग्रह को 37.21 डिग्री के झुकाव के साथ 356.2 किमी की चक्रीय कक्षा में स्थापित करना था। आज़ादीसैट छात्र उपग्रह भी मिशन पर था।
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हाला की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि वायु में कमी के कारण अंतरिक्ष यान अत्यधिक अंडाकार अस्थिर कक्षा में चला गया। जिससे सभी ठोस प्रणोदन चरणों के सामान्य प्रदर्शन के बावजूद भी वह बेकार हो गया। प्रारंभिक जांच से संकेत मिला कि सभी ठोस प्रणोदक चरणों के सामान्य प्रदर्शन के साथ SSLV D1 की रवानगी नॉर्मल थी। हालांकि मिशन सॉल्वेज मोड को शुरू करने वाले दूसरे चरण के दौरान एक विसंगति के कारण मिशन पूरा ना हो सका।