आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में एक वकील से पार्किंग वसूलना सिनेमाहॉल संचालकों को महंगा पड़ गया। कोर्ट ने वकील की याचिका पर सुनवाई करते हुए सिनेमा हॉल पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया है। ऐसा बताया जा रहा है कि जब वकील सिनेमा हॉल में फिल्म देखने गया तब सिनेमा परिसर के लोगों ने वकील से पार्किंग में उसकी बाइक खड़ी करने के लिए उससे 15 रुपए का पार्किंग शुल्क वसूला।
आयोग के अनुसार विचाराधीन परिसर के अंदर तीन स्क्रीन थे और इसी कारण से यह मल्टीप्लेक्स की परिभाषा के अंतर्गत आएगा। शिकायतकर्ता ने 2019 में एक फिल्म देखने के लिए पूरे कॉम्पलेक्स का दौरा किया, जहां उस व्यक्ति से उसकी बाइक खड़ी करने के लिए 15 रुपए लिए गए थे।
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शिकायतकर्ता का आरोप-
शिकायतकर्ता ने यह आरोप लगाया कि कॉम्प्लेक्स के पास उससे पार्किंग शुल्क वसूलने का कोई अधिकार नहीं है और ऐसा करना सेवा में कमी के बराबर है उसने यह भी कहा कि इस कारण से उसे मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा।
सिनेमा हॉल के अधिकारियों ने क्या कहा-
सिनेमा हॉल की ओर से यह तर्क दिया गया कि चाहे कोई सा भी प्रतिष्ठान हो सरकारी हों या प्राइवेट हम पार्किंग के लिए शुल्क सभी से लेते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि विजयवाड़ा नगर निगम ने स्वयं सिनेमा हॉल के पक्ष में एक ट्रेड लाइसेंस जारी किया था जो इसे पार्किंग शुल्क लेने की अनुमति देता है। सिनेमा हॉल ने यह बताया कि, उनकी स्थापना मल्टीप्लेक्स नहीं है और वह GO 486 की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आएगी।
अदालत ने क्या कहा-
प्रस्तुतियां देखने के पश्चात, अदालत ने यह कहा कि विचाराधीन सिनेमा परिसर एक मल्टीप्लेक्स है क्योंकि इसमें तीन स्क्रीन हैं। ऐसे में अदालत ने सिनेमा हॉल को यह कहा कि, उन लोगों से पार्किंग शुल्क वसूला जाए जो परिसर में केवल फिल्में देखने ही आते हैं।
इसके बाद अदालत ने प्रतिवादी-कॉम्प्लेक्स को याचिकाकर्ता को 15 रुपये वापस करने का निर्देश दिया, जो उसने पार्किंग शुल्क के लिए भुगतान किया था, 5000 रुपये मुकदमेबाजी लागत के रूप में 2000 रुपये के आदेश के रूप में।
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