भारतीय रेलवे (Indian Railways) नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railway Station) को पुनर्विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। इस रेलवे स्टेशन को उत्तर रेलवे ने एयरपोर्ट (Airport) की तर्ज पर विकसित करने की योजना बनाई है। स्टेशन विकसित होने के बाद यात्रियों को हवाई अड्डे की तरह वेटिंग एरिया में ही ट्रेन का इंतजार करना होगा और ट्रेन के आने पर ही उन्हें स्टेशन पर प्रवेश करने की अनुमित दी जाएगी।
इसके बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए दो बड़ी कंपनियों शापूरजी पालनजी और लार्सन एंड टुब्रो ने 5000 करोड़ से अधिक की बोली लगाई है। इस योजना पर काम शुरु करने का लक्ष्य रखते हुए भारतीय रेलवे ने नई दिल्ली स्टेशन से ट्रेनों के ट्रैफिक को डाईवर्ट करने की योजना बनाई है। क्योंकि यह काम 2 साल तक चलने की उम्मीद है।
इतना है नई दिल्ली स्टेशन का ट्रैफिक-
रेलवे ने नई दिल्ली स्टेशन की ट्रेनों को दिल्ली-एनसीआर के अन्य स्टेशनों पर डायवर्ट करने की विस्तृत योजना बनाई है। अधिकारियों के मुताबिक रोजाना 4.5 लाख से अधिक यात्री नई दिल्ली रेलवे स्टेशन इस्तेमाल करते हैं, जिनमें से अधिक लंबे सफर के यात्री होते हैं। यहां से रोजाना 249 मेल और एक्सप्रेस ट्रेन गुजरती हैं। ऐसे में स्टेशन को पुनर्विकसित करने के कार्य के दौरान यहां एक साथ बहुत सारी ट्रेनों को हैंडल करना काफी भारी कार्य होगा, क्योंकि ये स्टेशन इनके अलावा 150 अन्य ट्रेनों को भी होता है जिनमें मालगाड़ी और लोकल ट्रेनें शामिल हैं।
दिल्ली- एनसीआर के इन स्टेशनों पर ट्रांसफर किया जाएगा ट्रेन का ट्रैफिक-
उत्तर रेलवे ने इस दौरान दिल्ली एनसीआर में आने वाले आठ से अधिक स्टेशनों की पहचान की है जहां नई दिल्ली रेलवे स्टेशनों की कईं ट्रनों को ट्रांसफर किया जाएगा। इन ट्रेनों को यहीं से प्रस्थान और समाप्त किया जाएगा। इन स्टेशनों में पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, हजरत निजामुद्दीन, सब्जी मंडी, आंनद विहार, तिलक ब्रिज, सफदरजंग, बिजवासन, सराय रोहिल्ला और फरीदाबाद शामिल हैं।
रेलवे ने तैयार की है तीन आयामी रणनीति-
रेलवे ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि उनके पास यात्रियों को होने वाली असुविधा से निपटने के लिए एक तीन-आयामी रणनीति है- जिसके तहत नई दिल्ली रेलवे स्टेशन आने वाली कईं ट्रेनों का गंणतव्य को ही बदल दिया जाएगा। इसके आलावा जिस ट्रेन का दिल्ली आए बिना काम चल सकता है उसे अन्य रुट के जरिए दिल्ली को बायपास करने की अनुमति दी जाएगी। रेलवे के अनुसार वो इस योजना को इस तरह तैयार कर रहे हैं जिसके तहत किसी ट्रेन को कैंसिल न करना पड़े।
फेजज में किया जाएगा नई दिल्ली रेलेव स्टेशन को पुनर्विकसित करने का काम-
उत्तर रेलवे नई दिल्ली रेलेव स्टेशन को पुनर्विकसित करने के कार्य को फेजज में करेगा। जिसके तहत एक साथ केवल 4-5 प्लेटफार्म पर काम किया जाएगा। इसके अलावा अन्य प्लेटफार्मस को रेल के ट्रैफिक के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
डीटीसी से बसों के संचालन को लेकर बात करेगा रेलवे-
रेलवे का अनुमान है नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ये कार्य करीब 2 साल तक चल सकता है इसलिए रेलवे डीटीसी और दिल्ली परिवहन विभाग से इस दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए बसों के संचालन को लेकर बातचीत करेगा। क्योंकि बहुत सारी ट्रेनों का मूल स्टेशन इस दौरान बदला जाएगा ऐसे में उनके यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचने में कोई असुविधा न हो।
रुफ प्लाजा कंसेप्ट के जरिए हवाई अड्डे की तरह विकसित होगा स्टेशन –
रलेवे के अनुसार इस साल सितंबर से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर काम शुरु हो जाएगा, क्योंकि अभी से स्टेशन से सभी सुविधाओं को शिफ्ट करने के लिए चार महीने लगेंगे। पुनर्निर्मित किए जा रहे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में दो यूनिक गुंबद होंगे जिसपर चार मंजिला फ्लोर होंगे। इससे यहां करीब 15 एकड़ अधिक स्पेस मिल रेलवे को मिल जाएगा।
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रुफ प्लाजा ट्रेक से 10 मीटर की उंचाई पर होगा और किसी भी ट्रेन का आगमन और प्रस्थान एक साथ नहीं होगा। यात्रियों को ट्रेन के आने तक रुफ प्लाजा पर ही इंतजार करना होगा, ट्रेन आने पर ही वो प्लेटफार्म पर जा सकेंगे और ट्रेन से उतरने के बाद भी उन्हें रुफ प्लाजा के जरिए ही स्टेशन के बाहर निकलना होगा। इससे स्टेशन पर भीड़ नहीं होगी। ये सारा कार्य हो जाने के बाद आपको नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एयरपोर्ट वाला ही अनुभव होगा।
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