ऋBraham Muhurat: वेदों-शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त को बहुत ही शुभ माना जाता हैं, कहा जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में सोने से घर में आलस्य और देह में बिमारियों का वास होता है नींद को त्याग दिन की शुरूआत करने के लिए ये समय बेहद ही उत्तम होता हैं, ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाले व्यक्ति को बल, विद्या, सौंदर्य और बुद्धि की प्राप्ति होती है कहते हैं, कि ब्रह्म मुहूर्त में सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होता है इसलिए इस समय किया गया कोई भी कार्य विफल नहीं होता हैं।
ब्रह्म मुहूर्त कब होता है-
रात्रि के अंतिम पहर को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है, रात्रि के इस पहर में लोगों को उठना चाहिए वे आजकल इस पहर में सोते हैं, जिसके कारण उनकी सेहत, बुद्धि आदि के लिए सही नहीं है आपको बता दें कि ब्रह्म मुहूर्त मे ब्रह्म का अर्थ होता है परमात्मा और मुहुर्त का मतलब समय यानी परमात्मा का समय। वेदों-शास्त्रों में बताया गया है कि रात्रि के आखिरी पहर के बाद और सूर्योदय के ठीक पहले जो समय होता है, उसे ब्रह्म मुहुर्त यानी परमात्मा का समय कहा जाता हैं, इसलिए ही ब्रह्म मुहूर्त को सबसे पवित्र मुहूर्त माना जाता है लगभग सुबह 4 बजे से लेकर 5:30 बजे तक का समय ब्रह्म मुहूर्त में आता हैं, कहा जाता है कि इस समय की गई ईश्वर की पूजा का फल अति शीघ्र मिलता हैं, इसलिए मंदिरों के पट भी इस मुहूर्त में खोले जाते है और परमात्मा को याद कर दिन शुरुआत करते हैं।
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ज्योतिष शास्त्र की माने तो सूर्योदय से ठीक पहले के समय को बहुत ही शुभ माना जाता है इस समय वातावरण बहुत शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता हैं, इसलिए सुबह के समय टहलने से शरीर में संजीवनी शक्ति का संचार होता है ब्रह्म मुहूर्त की हवा को अमृत के सामान माना जाता है इस समय जागने और ईश्वर को याद करने से व्यक्ति को परम पिता परमात्मा की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं।