किरण शर्मा
हिंदु धर्म में नवरात्रि के दिनों को बेहद शुभ माना जाता है। इन दिनों
लोग अपनी आस्था के अनुसार मां जगदंबा के नौ रूपों की पूजा
करते है और व्रत रखते है लेकिन ऐसे में कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। जैसे नवरात्रि के शुभ दिनों में प्याज और लहसुन खाने की सख्त मनाही होती है। ऐसा माना जाता है, कि यह तामसिक खाद्य पदार्थों में आते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक नवरात्रि के दिनों में प्याज और लहसुन का सेवन वर्जित है। सवाल है, कि आखिर ऐसा क्यों है और इसके पीछे का क्या कारण है?तो चलिए जानते हैं-
क्या है कारण:
नवरात्रि के दिनों में कोई भी व्यक्ति अपने घर में प्याज और लहसुन का
इस्तेमाल नहीं करता है। यह नियम आज का नहीं बल्कि सदियों पुराना है
जिसका सभी लोग पालन करते हैं।
माता रानी के 9 दिनों में प्याज, लहसुन को न तो घर में लाया जाता है और न ही इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि प्याज और लहसुन में तामसिक गुण होते हैं जोकि मन में चंचलता को बढ़ावा देते हैं। जिससे व्यक्ति व्रत के दौरान नियमों का उल्लंघन भी कर सकता है। इसलिए प्याज लहसुन से दूरी बनाकर पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाता है। इसके अलावा इसका दूसरा कारण माना जाता है, कि प्याज और लहसुन की उत्पत्ति जमीन के नीचे से होती है।
जिनको जमीन से निकालते वक्त कई सूक्ष्म जीवों की मृत्यु हो जाती है। इसलिए इन शुभ दिनों में इनका सेवन नहीं करना चाहिए।
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पौराणिक कथा के अनुसार-
प्याज और लहसुन को लेकर पौराणिक कथा भी प्रचलित है। जिसके अनुसार, स्वरभानु नामक राक्षस ने समुद्रमंथन के दौरान छल-कपट से देवताओं के बीच
बैठकर अमृत पी लिया था। जब यह बात भगवान विष्णु को पता चली तब उन्होंने स्वरभानु के सिर को धड़ से अलग कर दिया था। जिसके बाद उसके सिर से
अमृत की कुछ बूंदें धरती पर गिर गई थी। जिनसे प्याज और लहसुन की उत्पत्ति हुई थी क्योंकि प्याज और लहसुन की उत्पत्ति राक्षस के सिर से गिरे हुए अमृत की बूंदों से हुई थी इसलिए इन्हें अपवित्र माना जाता है। इसलिए नवरात्रि के उपवास के दौरान प्याज और लहसुन का उपयोग नहीं किया जाता है।
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