किरण शर्मा
भगवान हनुमान को कष्ट और परेशानियों को दूर करने वाला देवता माना जाता है। हनुमान जी के लाखों करोड़ों भक्त हैं, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है, कि हनुमान जी की पूजा करने के लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होती है। हनुमान जी अपने सच्चे भक्तों को सदैव संकटों से बचाते है। हनुमान जी की पूजा करने वाले लोगों के लिए सुंदरकांड का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। जिसमें उनके बारे में विस्तार से बताया गया है।
सुंदरकांड तुलसीदास द्वारा रचित सबसे महत्वपूर्ण और चर्चित कांड माना जाता है। इसमें हनुमान जी द्वारा सीता की खोज और राक्षसों के संहार को दोहे और चौपाइयां द्वारा वर्णित किया गया है। ऐसा माना जाता है, कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से सुंदरकांड का पाठ करता है। उसे हनुमान जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है, उसके जीवन से कठिनाइयां दूर होनी शुरू हो जाती है।
रोज सुंदरकांड का पाठ करना जीवन में बेहद बदलाव लाता है।
सुंदरकांड का पाठ करने वाले व्यक्ति के जीवन में बल बुद्धि की वृद्धि होती है।
सुंदरकांड के पाठ में इतनी शक्ति है, कि जो भी व्यक्ति उसका पाठ करता है उसके जीवन से हर तरह की कठिनाइयां दूर हो जाती है और कामों में सफलता मिलती है। घर में नकारात्मक शक्तियों के वास से छुटकारा पाने के लिए भी सुंदरकांड का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है तो अगर आप भी अपने घर में सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो जानिए क्या है इसका महत्व और क्या है विधि-
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सुंदरकांड पाठ की विधि-
1- अगर आप किसी विशेष इच्छा की पूर्ति के लिए सुंदरकांड का पाठ कर रहे है तो इसकी शुरुआत मंगलवार या शनिवार से शुरू करें।
2- पाठ करने से पहले हनुमान जी की मूर्ति के साथ पूजा के स्थान पर सीता और राम जी की मूर्ति भी रख लें।
3- सुंदरकांड का पाठ करने से पहले गणेश जी की अर्चना करना शुभ माना जाता है।
4- पूजा स्थल पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
5- हनुमान जी की पूजा फल, फूल, मिठाई, सिंदूर और पूजा सामग्री को पास में रखकर करें।
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