दिल्ली के एक प्राइवेट हॉस्पिटल ने ऐसा ‘स्मार्ट विजन सनग्लास’ लॉन्च किया, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। यह स्मार्ट ग्लास नेत्रहीनों के लिए वरदान साबित होगा। इस ग्लास की मदद से नेत्रहीन लोग न सिर्फ दूसरों को देखने और चेहरे को पहचानने में सक्षम होंगे, बल्कि पढ़ने और समझने में भी उन्हें काफी मदद मिलेगी।
AI/ML टेक्नोलॉजी पर है बेस्ड:
विज़न ग्लास वज़न में काफी हल्के होते हैं और इनमें कैमरे के साथ-साथ एक सेंसर भी लगा होता है। इसके अलावा, ये ग्लास AI/ML टेक्नोलॉजी पर बेस्ड होता है। यही वजह है कि ये नेत्रहीन लोगों के लिए एक प्रभावी विकल्प साबित हो सकता है। इस विज़न ग्लास को इस्तेमाल करने से नेत्रहीनों को चलने, दूसरों के चेहरे को पहचानने में मदद मिलेगी।
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फीचर्स:
इस स्मार्ट सनग्लास के साथ ईयरपीस भी मिलता है, जो दृष्टिहीन व्यक्ति को पढ़ने और चीजों को समझने में सहायक होता है। इसके अलावा इस सनग्लास में वॉइस असिस्टेंस और GPS नेविगेशन जैसे फीचर्स भी शामिल है, जो नेत्रहीनों को नेविगेट करने और बाधाओं से बचने में मदद करता हैं।
नेत्रहीन व्यक्ति के कार्यों को आसान बना देगा:
दिल्ली के डॉ. श्रॉफ के चैरिटी आई हॉस्पिटल ने नेत्रहीनों के लिए इस डिवाइस को विजन एड इंडिया और बेंगलुरु बेस्ड स्टार्टअप SHG टेक्नोलॉज़ी की सहायता से लॉन्च किया है। ये डिवाइस उनके कार्यों को आसान बना सकता है।
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भारत में तकरीबन 1.5 करोड़ लोग नेत्रहीन:
यह स्मार्ट विजन ग्लास ऐसे समय पर लॉन्च हुआ है, जब भारत में नेत्रहीन मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, भारत में इस समय तकरीबन 1.5 करोड़ लोग नेत्रहीन हैं। जबकि वहीं लगभग 13 करोड़ लोग किसी न किसी कारण से आंशिक रूप से दृष्टिबाधित हैं।