अधिकतर कंपनियां उड़ने वाली कारों का केवल प्रोटोटाइप बना रही है। मार्केट में बिकने के लिए तैयार हो चुकी फ्लाइंग कार शायद ही आपने कभी देखा होगा। कई कंपनियों के बीच सबसे पहले अपनी उड़ने वाली कार को लॉन्च करने की होड़ लगी हुई है। इसी बीच इटली-आधारित स्टार्टअप ‘जेटसन एयरो’ ने जेटसन वन “फ्लाइंग कार” को सफलतापूर्वक विकसित किया और लॉन्च भी किया है।
लाखों रूपये है क़ीमत:
कंपनी ने इस फ्लाइंग कार की कीमत 98,000 यानी की भारतीय मुद्रा में लगभग 80.20 लाख रुपये रखी है। हालांकि ग्राहक इसे 8,000 डॉलर लगभग 6.53 लाख तक की डाउन पेमेंट पर खरीद सकते हैं। जेटसन वन को इलेक्ट्रिकल वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग व्हीकल के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
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वाहन चालक को नहीं होगी लाइसेंस की जरूरत:
जेटसन वन इलेक्ट्रिक पावर के जरिए हॉवर, टेक ऑफ और लैंडिंग कर सकती है। ख़ासतौर पर यह अल्ट्रालाइट वाहनों के लिए यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के नियमों के अनुरूप है। जिसके चलते पायलट को लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। लेकिन उपरोक्त सभी नियम सिर्फ US में लागू होंगे।
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दो जॉयस्टिक के साथ उड़ाना है आसान:
जेटसन एयरो के अनुसार, जेटसन वन eVTOL में एक कॉकपिट है, जिसमें भारी मात्रा में कार्बन फाइबर बिट्स हैं ताकि इसमें कम वजन रखा जा सके। दरअसल इसका वजन 86 किलोग्राम से भी कम है। इसके अलावा, इसमें 88 किलोवाट बैटरी पैक और 8 इलेक्ट्रिक मोटर्स दिए गए हैं। जेटसन वन 1,500 फीट की ऊंचाई पर 102 किमी/घंटा की टॉपस्पीड के साथ 20 मिनट यानी कि 32 किमी तक उड़ान की क्षमता रखता है। कंपनी का दावा है कि, जेटसन वन को कंट्रोल करने के लिए सिर्फ दो जॉयस्टिक के साथ उड़ाना बहुत आसान है।
यह न तो फिक्स्ड-विंग हवाई जहाज है और न ही कोई हेलीकॉप्टर:
जहां पहली जॉयस्टिक का उपयोग ऊंचाई को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, और दूसरी जॉयस्टिक दिशा को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसके अलावा जेटसन वन में एक हाईली-ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर सिस्टम भी मौजूद है। यह न तो फिक्स्ड-विंग हवाई जहाज है और न ही कोई हेलीकॉप्टर। इसलिए इस तरह से इस मॉडल को भारत में वर्गीकृत करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।