उत्तर प्रदेश के काशी में रोपवे बनाने की तैयारी चल रही है, यह देश का पहला और विश्व का तीसरा सार्वजनिक परिवहन रोपवे होगा। ये रोपवे 50 मीटर ऊंचा है और इस 50 मीटर ऊंचे रोपवे को बनाने का काम स्विस कंपनी बार्थोलेट और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। जो वाराणसी कैंट स्टेशन से शुरू होकर गोदौलिया पर समाप्त होगा, इसमें कुल 5 स्टेशन शामिल होंगे।
यूरोपीय डिजाइन-
इस रोपवे को यूरोपीय डिजाइन से तैयार किया जाएगा, जिसमें यात्रियों की यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए वेंटीलेशन सिस्टम की सुविधा दी जाएगी। आरामदायक बैठने की व्यवस्था के अलावा कैबिनेट विकलांग व्यक्तियों के लिए व्हील चेयर की सुविधा भी प्रदान करेगा, एक बार में हर केबिन में कुल 10 यात्रिआ सकेंगे।
आरामदायक यात्रा-
नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के मुताबिक, रोपवे को विकलांग व्यक्तियों सहित सभी के लिए आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री के आइडिया के हिसाब से डिजाइन किया गया है, इसका उद्देश्य दिव्यांगों की यात्रा को आरामदायक बनाना है।
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गर्मियों में तापमान नियंत्रित-
गर्मियों के मौसम में यात्रियों को आराम देने के लिए रोपवे में खिड़कियों को एक विशेष तरह के मटीरियल से बनाया जाएगा। जिससे सूरज की रोशनी को तो देखा जा सकेगा, लेकिन जिसमें केबिन के अंदर का तापमान नियंत्रित रहेगा। रोपवे वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को काशी विश्वनाथ मंदिर और दशा सुमेर घाट तक पहुंचाने के लिए एक सुविधाजनक साधन होगा।
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रोपवे का उद्देश्य-
इस रोपवे का पहला उद्देश्य वाराणसी के प्रमुख शहरों में यातायात की भीड़ को कम करना है, इस रोपवे पर करीब 150 कार कैबिन को एक साथ चलाने की योजना बनाई गई है, इससे 1 घंटे में दोनों तरफ से लगभग 6000 लोग एक साथ यात्रा कर पाएंगे है।
