किरण शर्मा
हिंदू धर्म में व्रतों का खास महत्व है साल भर अलग-अलग त्योहारों पर महिलाएं व्रत रखती है और पूजन करती है ऐसा ही व्रत है- वट सावित्री व्रत जोकि महिलाओं को अखंड सौभाग्य प्रदान करने वाला माना जाता है।
इस बार वट सावित्री व्रत 19 मई शुक्रवार को मनाया जाएगा।
इस दिन दर्श अमावस भी है इसके अलावा इस बार का वट सावित्री व्रत बेहद खास रहेगा क्योंकि इस तीन दुर्लभ योग बन रहे है तो चलिए आपको बताते हैं क्या है शुभ मुहूर्त और कौन-से योग बन रहे हैं।
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बन रहे हैं यह शुभ योग
इस बार वट सावित्री व्रत के दिन तीन योग बन रहें है
जोकि बेहद शुभ मानें जा रहे हैं। इस दिन शोभन योग बनने जा रहा है जिसकी शुरुआत 18 मई को शाम 7 बजकर 37 मिनट से होगी और यह 19 मई को शाम 6 बजकर 17 मिनट तक बना रहेगा। इसके अलावा इस दिन चंद्रमा गुरु के साथ मेष राशि में विराजमान दिखाई देंगे जिससे गजकेसरी योग बनेगा और इस दिन शनि जयंती भी है जिससे शनि कुंभ राशि में विराजमान होकर शशयोग का निर्माण करेंगे। इस प्रकार इस दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं।
क्या है शुभ मुहूर्त-
वट सावित्री व्रत जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस बार अमावस्या 18 मई को रात 9 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी और 19 मई को रात 9 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। इस काल के बाद उदया तिथि आरंभ होगी जिस वजह से 19 मई को वट सावित्री व्रत रखेंगे।
क्यों रखा जाता है व्रत
बरगद के पेड़ को अत्यंत पवित्र और लंबी आयु वाला माना जाता है। इसके अलावा वट (बरगद) वृक्ष को देव वृक्ष भी कहा जाता है।
वट सावित्री व्रत रखकर सुहागन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु का आशीर्वाद मांगती है। पौराणिक कथाओं में बताया जाता है, कि इस दिन माता सावित्री अपने पति सत्यवान को यमराज से छीनकर ले आई थी
इसलिए यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इसके अलावा बरगद के पेड़ में त्रिदेव का वास होता है इसकी जड़ में ब्रह्मा जी, तने में विष्णु जी और शाखाओं में शिव जी विराजमान होते हैं।
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