किरण शर्मा
व्यक्ति के जीवन में कई तरह के दोष होते है जो नकारात्मक प्रभाव डालते हैं ऐसा ही दोष है – पितृ दोष। यह ऐसा दोष है जिसके प्रभाव व्यक्ति को जीवन भर भोगने पड़ते हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में यह दोष होता उसकी सारी खुशियां छिन जाती है। जहां व्यक्ति को जीवन में शुभ योगों के कारण सुख- सुविधाएं और धन दौलत मिलती है वहीं पितृ दोष जैसे अशुभ योगों के कारण व्यक्ति को जीवन भर संघर्ष करना पड़ता है और उसे सफलता मिलने में कठिनाइयां आती है। कुंडली में ऐसे दोषों के होने के कारण व्यक्ति को बेहद मेहनत करने पर भी उसका फल नहीं मिलता है और वह निराश रहने लगता है। आइए आपको बताते हैं, कि
कुंडली में पितृ दोष कैसे बनता है और इससे ज्योतिष के अनुसार कैसे छुटकारा पा सकते हैं।
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पितृ दोष होता क्या है
पितृदोष के बारे में कहा जाता है, कि जब व्यक्ति के पूर्वजों की आत्माएं तृप्त नहीं होती है उन्हें शांति नहीं मिलती है तो वह पृथ्वी पर रहने वाले अपने वंश के लोगों को परेशान करते हैं। कई लोगों को सपने में अपने पूर्वज भी दिखाई देते है ऐसा पितृदोष के कारण होता है जो व्यक्ति अपने जीवन में अपने पूर्वजों का अनादर करता है उन्हें दुख देता है मृत्यु के बाद उनकी दिग्वांत आत्माएं उन लोगों को श्राप देती है। जिस वजह से ऐसे लोग
जीवन भर दुख का सामना करते हैं।
ज्योतिष के अनुसार पितृदोष से छुटकारा
पितृदोष से पीड़ित व्यक्ति को जीवन में अचानक दुर्घटनाएं,
विवाह में देरी, बनते- बनते काम बिगड़ जाना, असफलताएं,
गृह क्लेश, विकलांग बच्चे का जन्म होना आदि कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसलिए व्यक्ति को समय रहते इसका उपाय करवा लेना चाहिए। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ऐसे व्यक्ति को अपने घर में
अमावस्या के दिन श्रीमद्भागवत गजेंद्र मोक्ष का पाठ करवाना चाहिए और आने वाली हर चतुर्थी अमावस्या और पूर्णिमा के दिन पीपल को दूध चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा व्यक्ति एक और उपाय कर सकता है अपने ऊपर से हर रोज एक मुट्ठी चावल उतारकर पीपल के पेड़ की जड़ में डाल देना चाहिए ऐसा लगातार 21 दिन करने से पितृ दोष से राहत मिल सकती है। पीड़ित जातक को अपने घर की दक्षिण दीवार पर अपने परिजनों की माला वाली फोटो लगानी चाहिए और प्रतिदिन उसकी पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा साल में पड़ने वाली पितृ अमावस्या या पितृ की मृत्यु वाले दिन पितृ दोष शांति विधिवत तरीके से कराना भी आपको राहत दिला सकता है।
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