आज हम बहुत से काम करने के लिए कंप्यूटर या मोबाइल फोन का इस्तोमाल करते हैं और उसमें मौजूद डाटा को सुरक्षित रखने के लिए उनमें पासवर्ड लगाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि इस डीजिटल पासवर्ड को सबसे पहले कब इस्तेमाल किया गया था या फिर इसे किसने बनाया। आज हम इस लेख में आपको बताएंगे की आखिर इस डीजिटल पासवर्ड को किसने बनाया और इसकी ज़रुरत क्यों पड़ी-
1961 में बना पहला पासवर्ड-
आज हम अपने जीवन में बहुत से पासवर्ड्स का इस्तेमाल करते हैं चाहे वो बैंक अकाउंट हो, मोबाइल फोन हो या मेल सभी के लिए आज अलग-अलग पासवर्ड मौजूद हैं, MIT कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर फर्नांडो कॉर्बेटो ने 1961 में प्रॉब्लम सॉल्वर के रूप में पहला डिजिटल पासवर्ड बनाया था। दरअसल बात यह है, कि उन्होंने कंप्यूटर का एक ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया जिस पर हर कोई काम करना चाहता था, तब सभी को कंप्यूटर पर अपने लिए समय चाहिए था। जिसकी वजह से टाइम शेयरिंग के लिए काफी मुश्किलें होती थी। उसका समाधान करने के लिए प्रोफेसर फर्नांडो कॉर्बेटो ने आखिर रास्ता निकाल ही लिया।
कंप्यूटर पासवर्ड से लैस-
उन्होंने इसके लिए कंप्यूटर को पासवर्ड से लैस किया, इस पर काम करने वाले सभी शख्स के लिए अलग-अलग पासवर्ड बनाया गया। जिससे हर कोई अपने समय पर काम कर पाए, तो इस तरह से दुनिया के पहले पासवर्ड का अविष्कार हुआ। फिर तो यह कदम इतना ज्यादा प्रसिद्ध हो गया की इसने क्रांति ला दी, इसके बिना किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की कल्पना नहीं की जा सकती थी।
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फर्नांडो अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक-
12 जुलाई 2019 में उनका निधन हो गया, फर्नांडो एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे। जिन्होंने टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में अपना नाम बनाया, उन्होंने नौ सेना में भी काम किया। 1945 में उन्होंने नौसेना छोड़ दी, फिर कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में उन्होंने दाखिला ले लिया। 1956 में उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पीएचडी की। यहीं पर वह 1965 में प्रोफेसर बन गए और उन्होंने रिटायरमेंट तक यहीं काम किया।
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