किरण शर्मा
TCS यानी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी मानी जाती है जिसमें करीब 6 लाख से अधिक लोग काम करते हैं। कंपनी में रिश्वत लेकर नौकरी देने के बहाने से चल रहें घोटाले का पर्दाफाश हुआ है जिससे चारों तरफ हड़कंप मच गया है। मिंट की एक रिपोर्ट की मानें तो कंपनी में यह सब काफी समय से चल रहा था। TCS के कुछ सीनियर अधिकारी ही अपने कैंडिडेट को नौकरी देने के बहाने स्टाफिंग फार्मो से रिश्वत ले रहे थे। इस मामले का पता चलते ही टाटा ग्रुप की कंपनी
टीसीएस ने तुरंत कार्यवाही की। कंपनी ने अपने रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप से (RMG) से चार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया और दोषी पाए गए तीन स्टाफिंग फार्मों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
कैसे लगा पता-
जॉब स्कैम का पता तब चला जब एक व्हिसल्ब्लोअर ने टीसीएस के CEO और COO को पत्र लिखकर इस बात का खुलासा किया। इस पत्र में इस बात का दावा किया गया था, कि RMG के वैश्विक प्रमुख ई एस
चक्रवर्ती कई सालों से कंपनी के स्टाफिंग फार्मों से कमीशन ले रहे हैं। इसका पता लगाने के लिए टीसीएस ने जांच करने के लिए
तीन सदस्य कमेटी का गठन किया। जिसमें मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी अजीत मेनन भी शामिल रहे। जांच करने के बाद Tcs ने अपने हायरिंग हेड को छुट्टी पर भेज दिया और RMG के चार अधिकारियों को निकाल दिया।
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घोटाले से कमा लिए करोड़ों रुपए-
बताया जा रहा है, कि जांच के बाद से ही ई एस चक्रवर्ती को कार्यालय आने से रोक दिया गया है और उनके अलावा डिवीजन के एक और अधिकारी अरुण जीके को भी निकाल दिया गया है।
एक अधिकारी ने इस बारे में बताया, कि पिछले 3 सालों में कंपनी ने कांट्रेक्टर सहित 3,00,000 लोगों को काम पर रखा है जिससे अनुमान लगाया जा रहा है, कि घोटाले में मिले हुए लोगों ने कमीशन से
कम से कम 100 करोड़ रूपए की कमाई करी है। इस मामले के
उछलने के बाद टीसीएस के शेयर 1 प्रतिशत तक गिरकर 3209
रूपया आ गया है।
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