दिल्ली की भीड़ और ट्रैफिक को कम करने के लिए उत्तरी रेलवे ने एक बहुत अहम कदम उठाया है। पहाड़गंज के नई दिल्ली स्टेशन के पास के क्षेत्र में मौजूद रेलवे स्टेशन पर 11 किलोमीटर लंबा ऊंचा कॉरिडोर बनाने का प्लान तैयार किया गया है। इस कॉरिडोर के माध्यम से स्टेशन तक पहुंचने वाले यात्रियों के लिए दीन दयाल उपाध्याय मार्ग और रोड से कई एंट्री प्वाइंट उपलब्ध होंगे। इसके अलावा ऊंचे कॉरिडोर के आखिर में आसफ अली मार्ग और भवभूति मार्ग से यातायात को नियंत्रित किया जाएगा।
पिछले महीने एक टेंडर-
जानकारी के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के लिए पिछले महीने एक टेंडर भेजा गया था, 2 अगस्त को एक प्रीपेड मीटिंग भी आयोजित की जाएगी। एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी का कहना है कि इस प्लान में चेल्सफ़ोर्ड रोड, मिंटो रोड, भवभूति मार्ग, पंचकुइयां रोड और बसंत रोड जैसी सड़कों का विस्तार किया जाएगा।
परिवहन संबंधी विकास-
परिवहन संबंधी विकास पर हाल ही में सम्मेलन में RLDA के वेद प्रकाश ने बताया कि पहाड़गंज की ओर से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक पहुंचना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि वहां पर बसे बसों के रुकने के लिए जगह भी नहीं है। हम शहर में विभिन्न हिस्सों से यात्रियों के आंदोलन को सुगम बनाने के लिए 23 किलोमीटर ऊंचे सड़क बनवाएंगे। वर्तमान में इस समय यात्रियों को स्टेशन तक पहुंचने में कई घंटे लग जाते हैं। अधिकारी का कहना है कि इस परियोजना के माध्यम से कनॉट प्लेस क्षेत्र में यातायात चालू होगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर अपडेट-
उत्तरी रेलवे के अधिकारी का कहना है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर वर्तमान में 4,50,000 रोजाना आते जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रोजाना ट्रैफिक बढ़ रहा है, चाहे वह अजमेरी गेट हो या पहाड़गंज। यह दोनों ही मुख्य प्रवेश बिंदु है, अधिकारी ने कहा कि बढ़ती क्षमता को देखते हुए अहम यह है कि इंफ्रास्ट्रक्चर को अपडेट किया जाए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भीड़ को कम करने की योजना नई दिल्ली रेलवे स्टेशन मेगा पुनर्विकास योजना का ही एक हिस्सा है।
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पुनर्विकसित स्टेशन-
तैयार किए गए डिजाइन के मुताबिक, पुनर्विकसित स्टेशन में दो अद्भुत गुंबदे भी बनाए जाएंगे। जिसमें चार मंजिलों के चौराहे भी बनाए जाएंगे और इसके साथ ही लगभग 15 एकड़ जगह का एक्स्ट्रा स्पेस निकलेगा। नई इमारत अगले अलग-अलग प्रवेश और निकास जगहों से बनाया जाएगा, जिससे भीड़ ना हो। इस परियोजना का खर्च लगभग 4,700 करोड़ रुपए एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन मॉडल पर एग्जीक्यूट किया जाएगा।
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