चीन में निमोनिया के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं, जिसकी वजह से भारत में भी चिंता बढ़ चुकी है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेशों और सभी राज्यों को सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल की तैयारी के उपाय की तुरंत समीक्षा करने की सलाह दे दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हालातो पर करीबी नजर रखी है, जिससे कि यह संकेत मिल रहा है कि किसी भी तरह की चिंता बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
निगरानी रणनीति-
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को कॉविड-19 के संदर्भ में निगरानी रणनीति के लिए परिचालन निर्देश लागू करने के लिए कहा है। इसके साथ ही ऐसे में जिला एवं राज्य अधिकारी के मामलों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि सामान्य कारणों से सांस संबंधी बीमारी में खास तौर से इनफ्लुएंजा, SARS-COV-2, माइक्रोप्लाज्मा निमोनिया, जैसे कारणों में वृद्धि होती है।
सांस लेने संबंधी बीमारियों के मामले-
जानकारी के मुताबिक, उत्तरी चीन में बच्चों में सांस की बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि चीन में पिछले कुछ सप्ताह से सांस लेने संबंधी बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं, उनका कहना है कि बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारियों के सामान्य कारणों का पता लगाया गया है और किसी असामान्य रोगजनक या किसी अप्रत्यक्ष क्लीनिकल स्वरूप की कोई पहचान नहीं की गई है।
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प्रतिदिन 7,000 मरीज भर्ती-
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने इस महीने के मध्य में प्रेस कांफ्रेंस करके सांस लेने संबंधी बीमारियां विशेष रूप से माइक्रो प्लाज्मा निमोनिया, इन्फ्लूएंजा छोटे बच्चों को प्रभावित करने वाला एक सामान्य जीवाणु संक्रमण और RSV वायरस में वृद्धि की सूचना दी है। इस सप्ताह सरकार के अधीन चीन नेशनल रेडियो ने कहा कि बीजिंग चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल में प्रतिदिन 7,000 मरीज भर्ती हो रहे हैं जो कि अस्पताल की क्षमता से ज्यादा है।
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