Gyanvapi: मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद पर बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के अंदर वजूखाने के टैंक की सफाई की अनुमति दे दी है, जिसे 2022 में सील कर गया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश डिवाइन चंद्रचूडऔर न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ में वाराणसी एसडीएम को टैंक की सफाई की निगरानी के आदेश दिए गए हैं। पीठ ने टैंक की सफाई की याचिका तब स्वीकार की जब हिंदू याचिकाकर्ताओं और मस्जिद समिति दोनों ने ही इसकी जरूरत समझी। क्योंकि सिलिंग के कारण गंदा पानी जमा हो गया था और टैंक में रहने वाली मछलियां भी मर गईं। जिसकी वजह से वहां बदबू आने लगी।
क्या है वजूखाना-
हिंदू पक्ष की ओर से इस साल की शुरुआत में याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया की 12 से 25 दिसंबर 2023 के बीच मरी हुई मछली की वजह से वजूखाने टैंक स्थल पर गंदगी जमा हो गई है और वजूखाना वह जलाशय है, जहां पर श्रद्धालु नवाज अदा करने से पहले स्नान करने जाते हैं। यहां संरचना की खोज के बाद जिसे हिंदू पक्ष ने शिवलिंग और मुस्लिम पक्ष ने फवारा कहा है। 2022 में इसे सील किया गया था।
काशी विश्वनाथ मंदिर-
यह काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में मस्जिद के अदालत द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान पाया गया और संक्षिप्त सुनवाई के दौरान मस्जिद समिति के वरिष्ठ वकील फैज़ अहमद ने पीठ से कहा कि मुस्लिम पक्ष ने भी टैंक की सफाई की अनुमति देने के लिए वाराणसी समेत एक आवेदन दायर किया था। लेकिन उन्होंने कहा कि अदालत के पिछले आदेशों का पालन किया जाना चाहिए, जिसकी वजह से टैंक की यह हालत हुई।
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पवित्र शिवलिंग की उपस्थिति की ओर ध्यान आकर्षित-
वकील विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर किए गए आवेदन में पवित्र शिवलिंग की उपस्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया गया। जिसमें हिंदू समुदाय के लिए इसके महत्व पर काफी जोर दिया गया। वर्तमान में होकर आवेदन में शिवलिंग को गंदगी और किसी भी अस्वच्छ स्थिति से दूर रखने की जरूरत है। शिवलिंग मरी हुई मछलियों के बीच था, जिससे भगवान शिव के भक्तों को पीड़ा हुई और हस्तक्षेप की गुहार और ज्यादा बढ़ गई।
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