भारत रत्न को लेकर राज्यसभा में हुई चर्चा के दौरान संग्राम छिड़ गया। इसकी शुरुआत तब हुई जब कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोल रहे थे। उन्होंने भारत रत्न पर चर्चा करते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि जितने भी हमारे सामाजिक कार्यकर्ता हैं उनको भारत रत्न दिया जा रहा है। चरण चौधरी चरण सिंह और किसानों के लिए सभी समाजसेवियों को हम सैल्यूट करते हैं, मैं उन सभी लोगों को सलाम करता हूं जिन्हें भारत रत्न दिया जा रहा है। इसके बाद ही कांग्रेस के अध्यक्ष जयंत चौधरी को बोलने की अनुमति देने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि किस नियम के तहत इन्हें बोलने की इजाजत दी जा रही है।
कोई एजेंडा नहीं-
उन्होंने कहा कि यह कोई एजेंडा नहीं है, आप कुछ को बोलने की अनुमति देते हैं और कुछ को नहीं बोलने देते। कृपया नियम और व्यवस्था बिंदुओं का पालन करें। खड़गे के इस बयान से हंगामा हो गया और बीजेपी उन पर हमलावर हो गई। पीयूष गोयल ने खड़गे के भाषण पर सवाल उठाते हुए कहा कि खड़गे जी जिस भाषा का इस्तेमाल करते हैं, वह सही नहीं है। चरण सिंह ने किसानों की आवाज उठाई, कांग्रेस क्या समझेगी नरसिंहराव का सम्मान उनके शव को मुख्यालय में नहीं घुसने दिया था। आज पूरा देश उनका गुणगान कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष को चौधरी चरण सिंह डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन और पीवी नरसिम्हा राव गुरु का अपमान करने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री रुपाला-
केंद्रीय मंत्री रुपाला ने कहा कि आज कांग्रेस अध्यक्ष ने जिस तरह से सभापति के अधिकार को चुनौती दी है, वह दुर्भाग्य है और रूपाला का कहना है कि सम्मान करना तो दूर बधाई देने में भी कांग्रेस के पेट में चूभन हो रही है। वहीं राज्यसभा और उपराष्ट्रपति के सभापति जगदीश धनखड़ ने कहा कि जिस तरीके से स्टेटमेंट नेता विपक्ष ने सदन में दिया है, उससे में बहुत हर्ट हुआ हूं। यह बहुत बड़ी पीड़ा है आपने चौधरी चरण सिंह का अपमान किया है। आपने उनकी विरासत का अपमान किया है। भारत रत्न चरण सिंह के लिए आपके पास समय नहीं था। आज के दिन आप देश के हर किसान को आहत कर रहे हैं।
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जयंत चौधरी ने भी आपत्ति जताई-
खड़गे के बयान पर जयंत चौधरी ने भी आपत्ति जताई और कहा कि मैं सांसदों के विरोध से बहुत दुखी हूं, जितने महान नेता आए हैं, सबसे किसी न किसी ने कुछ सीखा है, चौधरी चरण सिंह ने गांधी, शास्त्री सबसे सीखा सबसे सीखा, चौधरी चरण सिंह की पहचान किसान के रूप में है। 10 साल से मैं विपक्ष में हूं मैंने यह महसूस किया कि यह सरकार चरण सिंह के आदर्शों को समझती है। जयंत ने कहा कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला बहुत बड़ा है और कल इस घोषणा के बाद लोगों ने दीवाली मनाई, कल किसानों ने मिठाइयां बांटी। इससे यही पता चलता है कि यह फैसला सिर्फ उनके परिवार तक ही सीमित नहीं बल्कि किसानों को भी मजबूत करने का फैसला है।
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