Nitish Kumar: आज एक बार फिर से राज्य विधानसभा में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना आपा खो बैठे। दरअसल बिहार विधानसभा में मानसून का सत्र चल रहा है और सदन शुरू होने के साथ ही विपक्ष गठबंधन के विधायक ने आरक्षण के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। वह इस बात को लेकर हंगामा कर रहे थे कि पिछले साल जो आरक्षण का प्रावधान दलित वर्ग, पिछड़े और अति पिछड़े के लिए बढ़ाया गया था, उसको 9वीं अनुसूची में शामिल करना चाहिए। इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग इसके लिए लगे हुए हैं और केंद्र सरकार को इस संबंध में लिखा भी गया है। लेकिन फिर भी विपक्ष शांत नहीं हुआ, जिस पर नीतीश कुमार को भड़क उठे।
RJD की महिला विधायक-
नीतीश कुमार का गुस्सा इतना तेज हो गया कि उन्होंने RJD की महिला विधायक को फटकार लगा दी, जो आरक्षण को 9वीं सूची में शामिल करने की मांग कर रही है। बिहार के सीएम ने कहा कि अरे तुम महिला हो कुछ नहीं जानती हो, कहां से आते हैं, इन लोगों ने कुछ किया है, साल 2005 के बाद महिला को हमने ही आगे बढ़ाया है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि चुपचाप बात सुनो अभी हम बोल रहे हैं। दरअसल भड़कते हुए नीतीश कुमार ने खड़े होकर विपक्षी नेताओं से कहा कि आपकी जो भी मांग है। वह पहले ही पूरी हो चुकी थी, उस पर हंगामा करने का कोई मतलब नहीं है।
विधानसभा की कार्यवाही-
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव बार-बार उन्हें अपनी जगह पर जाकर बात कहने का आग्रह करते हैं, लेकिन विपक्ष हंगामा करता रहा। तभी नीतीश कुमार खड़े ने होकर कहा कि सरकार ने पहले ही जातिगत जनगणना के बाद आरक्षण की सीमा को बढ़ा दिया है। उस पर पटना उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय के फैसले के विरोध में सरकार सुप्रीम कोर्ट में शामिल करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है, इसके बाद इस मामले को लेकर हंगामे का कोई मतलब नहीं बनता।
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गरीबों की पहचान-
उनका कहना है की जाति आधारित जनगणना के बाद 94 लाख गरीबों की पहचान की गई है और उनके विकास के लिए सरकार ने दो-दो लाख रूपए देना भी शुरू कर दिया है। लेकिन फिर भी विपक्ष हंगामा करता रहा, तो उन्हें गुस्सा आ गया। कांग्रेस के सदस्यों का कहा कि जब हम लोग विशेष राज्य की दर्जे की मांग कर रहे थे तब आप लोगों ने साथ नहीं दिया। आपको बता दें की पटना हाई कोर्ट ने संरक्षण को निरस्त कर दिया था।
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