Bengal: बुधवार को भाजपा के पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने बटवीरे की बात कह कर पूरे बंगाल में हलचल मचा दी है। मजूमदार का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर राज्य के उत्तर हिस्से को उत्तर पूर्व क्षेत्र में शामिल करने की मांग की है। हालांकि यह मांग बहुत पहले से हो रही है। पिछले साल बीजेपी ने उत्तर बंगाल को अलग राज्य बनाने की मांग की थी। राज्यसभा में भेज कर अनंत मजूमदार को भाजपा ने अपने इरादे जताते हुए यह मांग की थी। बीजेपी ने उत्तर बंगाल में इस बार के लोकसभा चुनाव में की आठ सीटों में से 6 सीटें जीतीं।
बंगाल को विभाजित करने की कोशिश-
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तरी बंगाल में 8 में से 7 सीटें जीती थी। हालांकि यह ज़ाहिर सी बात है कि यह उत्तर पश्चिम टीएमसी को यह बिल्कुल पसंद नहीं आएगी। वहीं टीएमसी ने भाजपा को अलगाववादी कहते हुए उस पर अपने राजनीतिक लाभ के लिए पश्चिम बंगाल को विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। वहीं मजूमदार का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रस्ताव पर निर्णय लेंगे।
केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ-
अगर उत्तर बंगाल को उत्तर पूर्व में शामिल किया जाता है, तो उसे केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा। और वहां तेजी से ज्यादा विकास भी होगा। मजूमदार ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि राज्य सरकार को इस प्रस्ताव से आपत्ति होगी। भाजपा उत्तर बंगाल में एक प्रमुख राजनीतिक ताकत बन चुकी है। जाहिर तौर पर इस प्रस्ताव पर अगर केंद्र अलग राज्य बनाने का फैसला लेता है, तो यह बंगाल में बीजेपी के लिए फायदेमंद भी हो सकता है और नुकसानदायक भी।
राज्यों को बांटने का फैसला-
दरअसल बंगाल को बांटने का मतलब है कि बीजेपी को एहसास हो गया कि पूरे बंगाल पर विजय का सपना पूरा होने जैसा अब कुछ रहा नहीं है। किसी भी देश या राज्यों को बांटने का फैसला नेता तभी लेते हैं, जब वह देखते हैं कि नियंत्रण मुश्किल हो रहा है। कांग्रेस ने भारत को बांटने का फैसला इसलिए लिया, कि कम से कम बचे हुए हिस्से पर राज करने का सपना सरकार हो सके। कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश को भी बांटने की चर्चा बुलंद हुई थी। दूसरी बात यह है कि बंगाली समाज में एक बार बंटवारा देख चुका है। जिसका दर्द आज तक महसूस किया जाता है।
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राष्ट्रवाद की भावना-
1905 में भी अंग्रेजों ने इसी तरह बंग भंग करके ऐसा दर्द लिया था, जो अंग्रेज़ों के देश छोड़ने का कारण बना था। बंग भंग आंदोलन ने देश में राष्ट्रवाद की भावना का संचार किया था। कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर की पार्टी इसके बाद ही बनी थी। अगर बंगाली समुदाय ने राज्य को बांटने के एहसास को दिल पर ले लेता है, तो समझ जाएं कि बीजेपी उत्तर बंगाल में भी साफ हो जाएगी। ऐसे बहुत से उदाहरण देश में है कि जब कोई नया राज्य बनता है तो राज्य की जनता ने उसके निर्माण में मेन भूमिका निभाने वाले की ही छुट्टी कर दी।
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