Haridwar: यूपी में कावड़ यात्रा को लेकर हुए नेमप्लेट विवाद के बाद अब हरिद्वार से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। हरिद्वार में कावड़ यात्रा रोड पर मस्जिदों के सामने पर्दे लगाकर उन्हें ढक दिया गया। जिसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है की कावड़ मार्ग पर माहौल खराब ना हो, इसलिए पर्दे लगाए गए हैं। वहीं मस्जिदों को पर्दे के पीछे छुपाने के कारण मुश्लिम पक्ष में नाराज़गी की जताई है। हालांकि इस मामले को बढ़ते हुए देख पर्दों को हटा दिया गया।
कावड़ यात्रा की शुरुआत (Haridwar)-
22 जुलाई से कावड़ यात्रा की शुरुआत हुई थी, कावड़ यात्रा शुरू होने के बाद से अभी तक लाखों भक्तों ने हरिद्वार पहुंचकरजल भर लिया है। कावड़ यात्रा शुरू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कावड़ यात्रा रोड पर ढ़ाबों और रेस्टोरेंट के बाहर नेम प्लेट लगाने के फैसले से खलबली मच गई थी। अब कई दिनों तक इस मामले पर बयान बाजी भी हुई।
आदेश पर रोक-
सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी, जिसके बाद यह मामला शांत हुआ और अब हरिद्वार में यह मामला सामने आ गया है। मस्ज़िदों को पर्दे से ढकने के मामले ने धर्म नगरी में तूल पकड़ लिया। यहां पर कावड़ मार्ग पर पड़ने वाली मस्जिदों को परदे से ढका गया। कथित तौर पर प्रशासन ने मस्जिदों के बाहर पर्दे लगाए हैं। मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच मस्जिदों के बाहर पर्दे लगाने के बाद चर्चाएं तेज हो चुकी थी।
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हरिद्वार में कावड़ यात्रा-
ग्रामीणों का कहना है कि कई सालों से वह लोग हरिद्वार में कावड़ यात्रा देखते आ रहे हैं। लेकिन इस तरह प्रकरण पहली बार सामने आया है, हालांकि मामला बढ़ता हुआ, देखकर इन पर्दों को हटा दिया गया है। इस मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का कहना है, अगर ऐसा कुछ किया गया है, तो इसका उद्देश्य यही है कि कोई भड़के नहीं, कोई उत्तेजित ना हो।
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