Arvind Kejriwal: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक घोषणा करके सुर्खियां बटोर ली है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मेरे पास अपना घर नहीं है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल ने घोषणा की, कि वह जल्द ही सरकारी बंगले को खाली कर देंगे और दिल्ली के लोगों के बीच रहने के लिए आएंगे। उन्होंने जंतर-मंतर पर अपनी जनता की अदालत भाषण के तहत एक सार्वजनिक संबोधन करते हुए कहा, कि मैं कुछ दिनों में सीएम का बंगला छोड़ दूंगा। मेरे पास कोई घर नहीं है, मैंने सिर्फ सम्मान, प्यार पिछले 10 सालों में कमाया है।
घर देने की पेशकश-
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोग मुझे पेशकश कर रहे हैं अपना घर देने की, लेकिन मैं नवरात्रि की शुरुआत में, आपके घरों में से किसी एक घर में आकर रहूंगा। जोर देकर उन्होंने कहा, कि केजरीवाल का इस्तीफा देने का फैसला राजनीतिक दबाव से नहीं, बल्कि नैतिक दृष्टिकोण से लिया गया। उनका कहना है, कि मैंने इस्तीफा इसलिए दिया, क्योंकि मैं भ्रष्टाचार या सीएम की कुर्सी के लालच में राजनीति में नहीं आया था, मैं भारत माता के लिए आया था, देश की राजनीति बदलने के लिए आया था।
राजनेताओं की चमड़ी मोटी-
अगर मुझे पैसा कमाना होता, तो मैं आकर विभाग में काम करते हुए ऐसा कर सकता था। उन्होंने आगे कहा कि इन राजनेताओं की चमड़ी मोटी है, उन्हें आरोपों की परवाह नहीं। लेकिन, तब परवाह होती है, जब बीजेपी मुझे चोर या भ्रष्ट कहती है, इससे मेरा दिल टूट जाता है। उनका इस्तीफा भ्रष्टाचार के कई आरोपों के बाद आया है। जिसमें कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनकी गिरफ्तारी और हाल ही में जमानत पर बाहर आना शामिल है।
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ईमानदारी का न्याय-
केजरीवाल ने आरोपों पर गहरी निराशा जताते हुए, दिल्ली के लोगों को उनकी ईमानदारी का न्याय करने की चुनौती दी है, उन्होंने कहा कि मैं जानना चाहता हूं, कि क्या लोग मुझे चोर समझते हैं या मुझे सलाखों के पीछे डालने वाले लोग चोर हैं। अगर मैं बेईमान होता, तो क्या मुफ्त बिजली दे सकता था और स्कूल बनवा सकता था। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, कि आपकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम ईमानदारी से सरकार चला रहे थे, मुफ्त बिजली, पानी और बेहतरीन शिक्षा मुहैया करा रहे थे।
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