Chief Election Commissioner: आज यानी मंगलवार को चुनाव आयोग ने झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव समेत देशभर के अलग-अलग हिस्सों में होने वाले उपचुनावों की भी घोषणा कर दी है। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने नतीजे से एक दिन पहले आने वाले एग्जिट पोल पर भी बात की। उन्होंने इसे नॉनसेंस बताया है। उन्होंने मीडिया का जिक्र करते हुए कहा, कि “मीडिया और खासतौर पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को इस पर ध्यान देना चाहिए, कि जब काउंटिंग का समय शुरू होता है, वह उससे पहले ही 8:05 बजे से ही रुझान दिखाना शुरू कर देते हैं। यह नॉनसेंस है। क्योंकि ऑफिशियल तौर पर काउंटिंग 8:30 बजे शुरू होती है।”
बड़ी गड़बड़ी (Chief Election Commissioner)-
“लेकिन 8:05 और 8:15 बजे से ही रुझान आने लगते हैं, इतने की लीड, इतने की लीड, इतने की लीड, जबकि हम शुरुआती परिणामों को 9:30 बजे वेबसाइट पर डालते हैं।” चुनाव आयुक्त का राजीव कुमार ने कहा, कि बहुत बड़ी गड़बड़ी एग्जिट पोल और उससे जुड़ी अपेक्षाओं की वजह से पैदा हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह प्रेस के लिए खास तौर पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए सोचने और आत्मनिरीक्षण करने वाली बात है।
ध्यान देने की जरूरत (Chief Election Commissioner)-
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कहना है, कि “पिछले कुछ चुनाव में अगर हम पूरे कैनवास को एक साथ देखें, तो दो से तीन चीज एक साथ हो रही हैं। सबसे पहले एग्जिट पोल आता है, जिसे हम कंट्रोल नहीं कर सकते। लेकिन इतना कहना जरूर चाहूंगा, कि आत्मनिरीक्षण की जरूरत है, कि सैंपल साइज क्या था, सर्वे कहां हुआ था, इन सब पर भी ध्यान देने की जरूरत है।”
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार-
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कहना है, कि नतीजे वाले दिन सुबह 8:05 से 8:10 से ही नतीजे दिखाए जाने लगते हैं। वह टीवी चैनल पर दिखाए जाने वाले नतीजे का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि यह बकवास है। क्योंकि पहली गिनती सुबह 8:30 बजे से शुरू होती है। हम सुबह 9:30 बजे वेबसाइट पर नतीजे डालना शुरू करते हैं।
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वास्तविक नतीजे-
इसलिए जब वास्तविक नतीजे आते हैं, तो उनमें अंतर होता है। यहीं से समस्या शुरू हो जाती है। यह ऐसा मुद्दा है, जिस पर सोचने की जरूरत है। दरअसल हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे को लेकर कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर काफी सवाल खड़े किए थे। नतीजे में कांग्रेस पार्टी आगे थी, जबकि भाजपा पिछड़ रही थी। चुनाव आयोग का डेटा देरी से जारी हो रहा था, जिस पर कांग्रेस नेताओं ने सवाल खड़े किए की डेटा सामने क्यों नहीं आ रहे हैं।
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