Maharashtra CM Face: 23 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं, ऐसे में इस बात पर सियासत गर्मा चुकी है, कि अगला मुख्यमंत्री कौन बनने वाला है। बारामती में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया अजित पवार को भावी सीएम बताए जाने वाले पोस्टर भी लगाए जा चुके हैं। बारामती से ही अजीत पवार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं MVA के खेमे में भी सीएम फेस को लेकर संघर्ष शुरू हो चुका है। महाराष्ट्र कांग्रेस के नाना पटोले ने घोषणा की है, कि अगर MVA को बहुमत मिलती है, तो उनकी पार्टी सरकार का नेतृत्व करेगी। वहीं उन्होंने यह भी दावा किया है, की वोटिंग के रुझान बताते हैं, कि कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिलेंगी।
शिवसेना ने विरोध किया (Maharashtra CM Face)-
इस बात का शिवसेना ने विरोध किया, संजय राउत ने इस बात पर जोर दिया, कि नेतृत्व के फैसले सामूहिक तौर पर लिए जाने चाहिए। राउत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और का मल्लिकार्जुन खड़गे का हवाले देते हुए कहा, कि कांग्रेस आलाकमान ने पटोले से कहा है, कि वह सीएम का चेहरा होंगे, तो उनके शीर्ष नेताओं को इसकी घोषणा करनी चाहिए। बुधवार को दोनों ही राज्यों में वोटिंग खत्म होने के बाद एग्जिट पोल से अनुमान लगाया गया, कि महाराष्ट्र में फिर से महायुति की सरकार बनेगी और झारखंड में भी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए बढ़त में है।
Poster depicting NCP Chief and Deputy CM Ajit Pawar as CM taken down
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— ANI Digital (@ani_digital) November 22, 2024
महायुति के नेता एक साथ बैठकर तय करेंगे-
ज्यादातर एग्जिट पोल यह भी भविष्यवाणी कर रहे हैं, कि MVA चुनाव में काफी अच्छा प्रदर्शन करेगी और उसके 288 का आंकड़ा पार करने के आसार नहीं है। चाणक्य स्ट्रैटेजीज ने अनुमान लगाया है, कि महायुती को 152-150 सीटें, MVA को 130-138 सीटें और बाकियों को 6-8 सीटें मिलेगी। इससे पहले शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, कि महायुति के नेता विधानसभा चुनाव नतीजे के बाद एक साथ बैठकर तय करेंगे, कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा।
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सीएम बनने के लिए कोई कॉम्पटीशन नहीं-
समाचार एजेंसी के मुताबिक, कल्याण सांसद ने कहा, कि गठबंधन में नेताओं के बीच सीएम बनने के लिए कोई कॉम्पटीशन नहीं है। सभी नेता महायुति के साथ बैठेंगे और फैसला करेंगे। यहां सीएम बनने के लिए नेताओं के बीच में कभी कंपटीशन नहीं हुआ है। हम अगले 5 सालों में और भी ज्यादा विकास काम करने के लिए सरकार बनाना चाहते हैं। पिछले 2.5 सालों में सिर्फ इस बात पर चर्चा की गई है, कि सीएम कौन होगा, उनका संदेश जनता तक कभी नहीं पहुंचा।
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