Ajmer Dargah: हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने एक लेटर भेजा, जिसमें उन्होंने यह अनुरोध किया है, कि जब तक स्थल से संबंधित विवाद कोर्ट में है, तब तक अजमेर दरगाह पर चादर भेजने की परंपरा को रोक दिया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल 11वीं बार ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के दौरान प्रतिष्ठित अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर भेजेंगे। ध्यान देने वाली बात यह है, कि हिंदू सेना के प्रमुख ने अजमेर जिला न्यायालय में अजमेर दरगाह में संकट मोचन महादेव के शिव मंदिर का दावा करते हुए, मुकदमा दायर करवाया है। जिसकी अगली सुनवाई 24 जनवरी को होने वाली है।
कैसे हुई चादर चढ़ाने की शुरुआत-
विष्णु गुप्ता ने लेटर में लिखा, कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने हर साल अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाने की शुरुआत की थी और तब से यह औपचारिकता जारी है। यहां तक की वर्तमान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में यह औपचारिकता जारी रख रहे हैं। पत्र में गुप्ता ने यह भी कहा, कि उन्होंने प्राचीन मंदिर की मौजूदगी के बारे में सबूत पेश किए हैं। इसके बारे में उनका यह दावा है, कि इसे चौहान वंश ने बनवाया था। उन्होंने अपने दावों के समर्थन में और सबूत जुटाने के लिए एएसआई से वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए आवेदन करने के बारे में जानकारी दी है।
लेटर में क्या लिखा-
उन्होंने लेटर में लिखा, कि श्री राम जन्मभूमि अयोध्या उत्तर प्रदेश विवाद के मामले की तरह, जहां किसी भी प्रधानमंत्री ने आधिकारिक क्षमता में सांस्कृतिक और पारंपरिक मामलों हस्तक्षेप नहीं किया था या विवादित स्थल का दौरा नहीं किया था। वैसे ही जब तक यह मामला विचाराधीन है, मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूं, कि प्रधानमंत्री कार्यलय के माध्यम से भेंट के रूप में चादर भेजने की औपचारिकता को तब तक के लिए स्थागित कर दें। जब तक यह मामला कोर्ट में पूरा नहीं हो जाता। रिपोर्ट के मुताबिक, विष्णु गुप्ता का कहना है, कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत तौर पर भेज रहे हैं, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
केस पर असर-
लेकिन अगर वह संवैधानिक पद से चादर भेज रहे हैं, तो इससे उनके केस पर असर पड़ेगा। इसलिए उन्होंने पीएम मोदी से यह अनुरोध किया है, कि वह इस साल चादर ना भेजें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस साल 11वीं बार केंद्रीय अल्पसंख्यक एवं संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू द्वारा 4 जनवरी को पेश की जाएगी। इससे पहले यह चादर पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा पेश की गई थी। जिन्होंने दरगाह का दौरा किया।
दरगाह प्रमुख के उत्तराधिकारी-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चाढ़ावा उर्स के साथ मेल खाता है, जो श्रद्धेय संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की पुण्यतिथि का प्रतीक है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस सबके बीच अजमेर दरगाह के प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नशीरुद्दीन चिश्ती ने इस कदम का स्वागत किया और कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हर साल ज्यादा चढ़ने की निरंतरता देश की समावेशिका और धर्मनिरपेक्षता के प्रति उनकी प्रतियोगिता का प्रणाम करती है।
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