HMPV Virus: चीन समेत बहुत से देशों में एचएमपीवी वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसके बाद दुनिया भर के देश अलर्ट पर हैं। यह शीतकालीन वायरस, जो न्यूमोविरिडे से संबंधित है। यह वायरस मुख्य रूप से श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। जिससे हल्के से गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं। हालांकि डॉक्टर्स का कहना है, कि यह संक्रमण विशेष रूप से किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले मरीजों को प्रभावित करता है, जिससे काफी परेशानी होती है। विशेषज्ञों की मानें, तो प्रतिरक्षादमनकारी दवाएं इस वायरस के प्रभाव को बढ़ा देती हैं। जिससे बहुत से संक्रमण और जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
किडनी को कैसे करता है प्रभावित(HMPV Virus)-
एचएमपीवी को एलआरआई या लेप्टोस्पायरोसिस का संभावित कारण माना जाता है, जो किडनी ट्रांसप्लान के कारण मरीज़ में होने वाला एक उपेक्षित जीवाणु रोग है और यह न्योमोसिस्टिस निमोनिया जैसा हो सकता है ।जल्द से पहचान होने पर एंटीबायोटिक के इस्तेमाल और नैदानिक अध्ययनों से बचा जा सकता है। अस्पताल में भर्ती बच्चों पर किए गए कई अध्ययनों में यह पाया गया है, कि एचएमपीवी संक्रमण तेजी से किडनी को नुकसान पहुंचाता है। शोध से यह पता चलता है, की उम्र के साथ वायरस का जोखिम भी बढ़ता है।
एचएमपीवी के लक्षण(HMPV Virus)-
विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक, बच्चों में लगभग 10 से 12% बीमारियां एचएमपीवी के कारण होती हैं। हालांकि ज्यादातर मामले हल्के होते हैं। लगभग 5 से 16 प्रतिशत बच्चों में निचले श्वसन पथ का संक्रमण विकसित होगा। इसके कुछ लक्षण में गंभीर खांसी, बहती या भरी हुई नाक, तेज बुखार, गला खराब होना, सांस लेने में तकलीफ, पूरे शरीर पर चकते या लगातार घरघराहट होना शामिल है।
कैसे फैलता है वायरस(HMPV Virus)-
डॉक्टर के मुताबिक, एचएमपीवी वायरस संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधे संपर्क में आने से, वायरस से दूषित चीजों को छूने से फैलता है, जिसमें खांसी, छिंकना, हाथ मिलाना, फोन, दरवाजे के हैंडल, कीबोर्ड या खिलौने जैसी चीज़ों को छूना, गले मिलना या चुमना शामिल है।
जोखिम किन्हें ज़्यादा(HMPV Virus)-
इसके साथ ही एचएमपीवी किसी को भी हो सकता है, लेकिन अगर आप 5 साल से कम उम्र के हो या 65 साल से ज्यादा उम्र के हो, तो एचएमपीवी या कैंसर जैसी स्थितियों की वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना या अस्थमा से पीड़ित होने पर, इसका जोखिम बढ़ जाता है। कभी-कभी एचएमपीवी की वजह से मुश्किलें बढ़ जाती हैं। यह लक्षण गंभीर भी हो सकते हैं और आपको अस्पताल में होने भर्ती होने की जरूरत भी पड़ सकती है। जिसमें बोंक्रीटीज, अस्थमा, कान में इन्फेक्शन, निमोनिया शामिल है।
किडनी को स्वस्थ कैसे रखें-
इसके साथ अपनी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आपको सक्रिय जीवन शैली और पोषटिक आहार खाना चाहिए। जिससे किडनी से संबंधित समस्याओं को रोकने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा जो शुगर पेशेंट हैं या कोई ऐसी स्थिति जो ब्लड शुगर का कारण बनती है। वह किडनी को क्षति पहुंचाने के लिए अति संवेदनशील हो सकते हैं। जब आपके शरीर की कोशिकाएं आपके रक्त में ग्लूकोज का इस्तेमाल नहीं कर पाती, तो आपकी किडनी आपके ब्लड को फिल्टर करने के लिए ज्यादा मेहनत करने के लिए मजबूर हो जाती है। अगर आपका वजन ज्यादा है या आप मोटापे से ग्रस्त हैं, तो आपको कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम है, जो आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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संतुलित और मौसमी आहार-
इसीलिए ताजे, संतुलित और मौसमी आहार लें, जिसमें सभी खाद्य समूह शामिल है। हालांकि दिन में 8 गिलास पानी पीने की सलाह के पीछे कोई जादू नहीं है। लेकिन यह एक अच्छा लक्ष्य है, क्योंकि यह आपको हाइड्रेटेड रखने के लिए प्रेरणा देता है। नियमित रूप से लगातार पानी का सेवन आपके गुर्दे के लिए स्वस्थ हैं। नियमित व्यायाम सिर्फ आपकी कमर के लिए ही नहीं, बल्कि इससे कहीं ज्यादा के लिए अच्छा होता है। यह क्रॉनिक किडनी रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है और आपके हार्ट के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के अलावा ब्लड प्रेशर को भी काम करता है, जो की किडनी की क्षति को रोकने के लिए जरूरी है।
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