HMPV एक आम वायरस है, जो कि आमतौर पर सभी उम्र के लोगों में हल्के से लेकर गंभीर बीमारियों तक का कारण बन जाता है। हालांकि 5 साल से कम की उम्र के बच्चों, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों और बुजुर्ग लोगों को यह विशेष रूप से प्रभावित करता है। यह वायरस वैश्विक स्तर पर तेजी से श्वसन संक्रमणों के 4-16% के लिए जिम्मेदार है। इसके मामले आमतौर पर मई और नवंबर के बीच में चरम पर होते हैं। यह आमतौर पर सामान्य सर्दी का कारण बनता है। इसके साथ ही यह निमोनिया, अस्थमा या क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव डिजीज जैसे ज्यादा गंभीर संक्रमण को जन्म देता है। इसलिए आपको डॉकटर्स अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने की सलाह दी जाती है। जिनका हमें ध्यान रखना चाहिए और वह कदम कौन से हैं आईए जानते हैं-
हाथ की स्वच्छता(HMPV)-
इस वायरस को रोकने के सबसे आसान और प्रभावित तरीकों में से एक हाथ की स्वच्छता है। आपको अपने हाथ को हैंडवॉश और साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक अच्छी तरह से धोना चाहिए और साथ ही सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा दरवाजे के हैंडल, खिलौने, खांसने और छीकने के बाद हमेशा हाथ धोने चाहिए। इसके अलावा बच्चे अक्सर बिना मुंह ढके, खांसने और छींकने से कीटाणु फैलाते हैं। जिसकी वजह से यह वायरस तेजी से बढ़ता है। उन्हें अपने मुंह और नाक को ढकने के लिए टिशु का इस्तेमाल करना सिखाएं। जिससे रोगजनक किटाणु तुरंत नष्ट हो जाएंगे और अपने हाथ धो लें।
नियमित रूप से साफई (HMPV)-
अगर कोई टिशु उपलब्ध नहीं है तो अपनी कोहनी का इस्तेमाल करने से संदूषण को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए बच्चों के बीच शेयर किए जाने वाले खिलौने जैसी बार-बार छुए जाने वाले तत्वों को नियमित रूप से साफ करें और कीटाणु रहित करें। इसके साथ ही दरवाजे के हैंडल, टेबल टॉप और लाइट स्विच जैसी ज्यादा छुए जाने वाली जगह को भी साफ करना और कीटाणु रहित करना अच्छा होता है। रिमोट कंट्रोल और टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को ना भूलें। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा उनके लिए सुरक्षित साफ उत्पादों का इस्तेमाल करें।
संक्रमित के संपर्क से दूर-
जब तक स्थिति बेहतर ना हो जाए, बच्चों को ऐसे लोगों से दूर रखें, जो स्वस्थ नहीं हैं या जिनमें बीमारी के लक्षण नजर आएं। क्योंकि एचएमपीवी संक्रमित व्यक्तियों के साथ संपर्क के माध्यम से फैलता है। इसके साथ ही आप संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और पर्याप्त शारीरिक गतिविधियां करके संक्रमण से लड़ने के लिए मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित कर सकते हैं। वहीं अच्छा वायु परिसंचरण, वायु जनित संक्रमणों को रोकने में मदद करता है। घर के अंदर हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए ताजी हवा आने के लिए नियमित रूप से खिड़कियां खोलें।
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फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर-
वेंटिलेशन सीमित होने पर फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और बच्चों को धुएं और प्रदूषकों से दूर रखें, जो उनके स्वास्थ्य को खराब कर सकते हैं। इसके अलावा वर्तमान में एचएमपीवी के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। जिसके चलते आपको यह सुनिश्चित करना है, कि आपके बच्चे नियमित टीका लेते रहें। क्योंकि इससे द्वितीय संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी।वहीं इसके लक्षण की बात करें, तो एचएमपीवी का जल्द पता लगाने से समस्याओं से बचा जा सकता है। यह सबसे आम लक्षण हैं जैसे सांस लेने में तकलीफ, बहुत घबराहट, खांसी, बुखार है। अगर आपके बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही या तेज बुखार है, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
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