IIT Madras Director Controversy: IIT मद्रास के निदेशक वी. कामाकोटी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार विवाद का कारण उनका गौमूत्र के औषधीय गुणों पर दिया गया बयान है। चेन्नई में मट्टू पोंगल के अवसर पर एक गौ संरक्षण शाला में आयोजित कार्यक्रम में कामाकोटी ने गौमूत्र को कई बीमारियों की दवा बताया।
क्या कहा कामाकोटि ने?(IIT Madras Director Controversy)
कामाकोटि ने एक संन्यासी की कहानी सुनाते हुए कहा, कि उन्होंने बुखार को गौमूत्र पीकर ठीक कर लिया। उनके अनुसार, “एक संन्यासी को तेज बुखार था और वह डॉक्टर को बुलाने की सोच रहे थे। मैं उनका नाम भूल गया, लेकिन उन्होंने ‘गोमुथरन पिनामि’ कहा। उन्होंने तुरंत गौमूत्र पिया और 15 मिनट में उनका बुखार उतर गया।” उन्होंने आगे कहा, कि गौमूत्र में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और पाचन संबंधी गुण हैं।
विपक्ष का विरोध(IIT Madras Director Controversy)-
डीएमके नेता टीकेएस एलांगोवन ने कामाकोटि पर हमला करते हुए आरोप लगाया, कि केंद्र सरकार का इरादा देश की शिक्षा को बर्बाद करने का है। कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने भी आईआईटी मद्रास के निदेशक की आलोचना करते हुए कहा, “आईआईटी मद्रास के निदेशक द्वारा अवैज्ञानिक बातों को बढ़ावा देना बेहद अनुचित है।”
डॉक्टर्स की चेतावनी-
डॉक्टर्स एसोसिएशन फॉर सोशल इक्वैलिटी के डॉ. जी.आर. रवींद्रनाथ ने चेतावनी दी, कि गौमूत्र का सेवन बैक्टीरियल संक्रमण का कारण बन सकता है। उन्होंने भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अवैज्ञानिक विचारों और अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
बीजेपी का बचाव-
तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के. अन्नामलाई ने डीएमके और अन्य विपक्षी दलों पर विवाद को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर का बयान उनका व्यक्तिगत विचार था और उन्होंने न तो इस पर व्याख्यान दिया और न ही दूसरों को गौमूत्र पीने की सलाह दी।
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कामाकोटि का पक्ष-
कामाकोटि के करीबी सूत्रों ने पीटीआई को बताया, कि उनके बयान का एक बड़ा संदर्भ था। क्योंकि वह खुद एक जैविक किसान हैं। उन्होंने गौशाला कार्यक्रम में गायों की रक्षा पर जोर दिया और कहा कि इसके आर्थिक पोषण और पर्यावरणीय लाभ हैं।
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