Shark Tank India Season4: शार्क टैंक इंडिया के एक रोचक एपिसोड में दो चचेरे भाइयों, योगेश और हेमंत चव्हाण ने अपनी कंपनी गुडलैंड के साथ शार्क्स के सामने पिच की। उच्च गुणवत्ता वाले पिकलबॉल कोर्ट बनाने वाली इस कंपनी ने मात्र नौ महीनों में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने अमेरिका से 1.2 करोड़ और भारत से 70 लाख रुपये का राजस्व हासिल किया है। दोनों उद्यमियों ने 80 लाख रुपये के निवेश के बदले 4% इक्विटी की पेशकश की।
Shark Tank India Season4 में फोर्ड और ह्युंडई का सबक-
नमिता थापर ने एक सटीक सवाल पूछकर भारतीय बाजार की समझ का महत्व समझाया। उन्होंने पूछा, “भारत में फोर्ड और जीएम क्यों फेल हुए, जबकि ह्युंडई और किआ सफल रहे?” जब हेमंत ने उच्च लागत को इसका कारण बताया, तो नमिता ने स्पष्ट किया कि फोर्ड की असफलता का कारण अमेरिकी मॉडल को सीधे भारत में लागू करने का प्रयास था। उन्होंने कहा, “आप अमेरिका में जो काम करता है, उसे सीधे भारत में नहीं उतार सकते।”
व्यवसाय विजन पर सवाल-
नमिता ने कंपनी के अस्पष्ट विजन पर चिंता जताई, खासकर इस बात को लेकर कि हेमंत अमेरिका में रहते हैं। उन्होंने कहा, “मेरी सबसे बड़ी चिंता यह है कि आप अमेरिका में रहते हैं और वहां की सफलता को भारत में दोहराना चाहते हैं।” इस कारण उन्होंने निवेश से इनकार कर दिया।
खेल का प्रदर्शन और शार्क्स की प्रतिक्रिया-
भाइयों ने अनुपम मित्तल और अमन गुप्ता को पिकलबॉल खेलने के लिए आमंत्रित करके खेल का प्रदर्शन किया। हालांकि प्रदर्शन मजेदार रहा, लेकिन शार्क्स व्यवसाय की स्केलेबिलिटी को लेकर संदिग्ध थे। अनुपम मित्तल ने सुझाव दिया कि वे कुछ साल और बाजार को समझने में बिताएं।
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अमन गुप्ता का साथ-
खेल के प्रति उत्साही अमन गुप्ता ने कंपनी में दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने 80 लाख रुपये के लिए 5% इक्विटी की पेशकश की, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। पहली शर्त थी कि हेमंत को छह महीने भारत में रहना होगा, और दूसरी, दो महीने के भीतर विश्वस्तरीय पिकलबॉल क्लब स्थापित करने होंगे। बातचीत के बाद, 6% इक्विटी और 0.5% रॉयल्टी पर डील फाइनल हुई।
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