Prayagraj Kumbh Mela Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में हुई दर्दनाक भगदड़ त्रासदी ने एक नया मोड़ ले लिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को लोकसभा में एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा. कि इस घटना की जांच में एक बड़ी साजिश की बू आ रही है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और 2025-26 के बजट पर चर्चा के दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा, “महाकुंभ में जो घटना हुई, उसकी जांच चल रही है। जांच से साजिश की बू आ रही है। जब पूरी जांच हो जाएगी, तो जो लोग इस घटना के पीछे थे, उन्हें शर्म से सिर झुकाना पड़ेगा।”
Prayagraj Kumbh Mela Stampede मौनी अमावस्या पर हुई त्रासदी-
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम क्षेत्र में सुबह-सुबह हुई इस भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की जान चली गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। हिंदू पंचांग में मौनी अमावस्या को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। भगदड़ तब हुई जब करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और पवित्र स्नान के लिए जगह बनाने की कोशिश की।
Prayagraj Kumbh Mela Stampede विपक्ष की मांग-
इस बीच, विपक्षी दलों ने महाकुंभ में हुई भगदड़ पर चर्चा और मृतकों की सूची की मांग की है। राष्ट्रपति के संयुक्त सत्र को संबोधित करने और 2025-26 के बजट की प्रस्तुति के बाद जब सदन की पहली बैठक हुई, तो कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सांसद अपनी मांगों को लेकर मुखर हुए।
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने प्रश्नकाल को स्थगित करने और भगदड़ पर चर्चा की मांग की। विपक्षी सदस्यों ने सदन के वेल में आकर जोरदार प्रदर्शन और नारेबाजी भी की।
सरकार की कार्रवाई-
घटना के बाद से राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कई कदम उठाए हैं। प्रशासन ने घायलों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की है और मृतकों के परिजनों को मुआवजे की घोषणा की है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस भी जांच में जुटी है।
प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल-
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, तो कुछ भगदड़ के पीछे की असली वजहों की जांच की मांग कर रहे हैं। स्थानीय मीडिया भी लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए है।
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इस त्रासदी ने कई सवाल खड़े किए हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए, इस पर गंभीर विचार-विमर्श की जरूरत है। विशेषज्ञों का मानना है कि बड़े धार्मिक आयोजनों के दौरान भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
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