12 Jyotirlinga: भारत की पवित्र धरती पर स्थित बारह ज्योतिर्लिंग हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से हैं। भगवान शिव के इन पवित्र स्थलों की यात्रा को अत्यंत शुभ माना जाता है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इन मंदिरों के दर्शन से पापों से मुक्ति, आशीर्वाद और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
12 Jyotirlinga सोमनाथ- प्रथम ज्योतिर्लिंग-
गुजरात के प्रभास पाटन में स्थित सोमनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे प्राचीन और पहला माना जाता है। चंद्रदेव द्वारा निर्मित यह मंदिर कई बार नष्ट और पुनर्निर्मित हुआ। 11वीं सदी में महमूद गजनवी द्वारा इसे नष्ट किया गया था। यह सृष्टि के आरंभ का प्रतीक माना जाता है।
12 Jyotirlinga मल्लिकार्जुन- शिव-पार्वती का निवास-
आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में स्थित मल्लिकार्जुन मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। पहाड़ियों के बीच स्थित यह मंदिर आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां की यात्रा से आत्मा शुद्ध होती है और बाधाएं दूर होती हैं।
12 Jyotirlinga महाकालेश्वर- दक्षिणमुखी शिव-
उज्जैन की क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित महाकालेश्वर मंदिर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है। यह दक्षिणमुखी शिव का एकमात्र मंदिर है। कुंभ मेले के चार स्थानों में से एक उज्जैन की ज्योतिष महत्ता भी विशेष है। यहां की भस्म आरती का अनुभव अद्भुत होता है।
12 Jyotirlinga ओंकारेश्वर- ॐ का प्रतीक-
नर्मदा नदी के बीच एक द्वीप पर स्थित ओंकारेश्वर ॐ के आकार में है। राजा मांधाता की कथा से जुड़ा यह मंदिर ब्रह्मांडीय नाद ॐ का प्रतीक है। नदी का पवित्र जल और प्राकृतिक सौंदर्य यहां की आध्यात्मिक यात्रा को विशेष बनाते हैं।
वैद्यनाथ- आरोग्य का मंदिर-
झारखंड के देवघर में स्थित वैद्यनाथ मंदिर रावण की तपस्या से जुड़ा है। यहां भगवान शिव को सर्वोच्च चिकित्सक के रूप में पूजा जाता है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए यह मंदिर विशेष माना जाता है।
भीमाशंकर- महाभारत का साक्षी-
सह्याद्री पर्वतमाला में स्थित भीमाशंकर मंदिर महाभारत काल की कथा से जुड़ा है। यहां की शांत वातावरण आंतरिक शांति और मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है। प्रकृति प्रेमियों के लिए भी यह स्थान विशेष है।
रामेश्वरम- राम की तपोभूमि-
रामेश्वरम का रामनाथस्वामी मंदिर भगवान राम की लंका यात्रा से जुड़ा है। यहां पूजा से कर्मों से मुक्ति मिलती है। समुद्र के किनारे स्थित यह मंदिर आध्यात्मिक चिकित्सा का केंद्र माना जाता है।
नागेश्वर- भय मुक्ति का स्थान-
युधिष्ठिर द्वारा निर्मित नागेश्वर मंदिर नाग रूप में शिव को समर्पित है। यहां दर्शन से भय दूर होता है और समृद्धि आती है। मंदिर की ऊर्जा आध्यात्मिक जागृति में सहायक मानी जाती है।
काशी विश्वनाथ – मोक्ष का द्वार-
वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। गंगा के तट पर स्थित यह मंदिर मोक्ष का द्वार माना जाता है। प्राचीन काशी की आध्यात्मिक विरासत का यह केंद्र है।
त्र्यंबकेश्वर- त्रिदेव का वास-
त्र्यंबकेश्वर मंदिर ब्रह्मा, विष्णु और महेश की त्रिमूर्ति का प्रतीक है। ब्रह्मगिरि पर्वत पर स्थित यह मंदिर पिंडदान के लिए भी प्रसिद्ध है। समग्र आशीर्वाद के लिए यह विशेष स्थान है।
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केदारनाथ – हिमालय का आश्रय-
हिमालय की गोद में स्थित केदारनाथ मंदिर पांडवों द्वारा निर्मित माना जाता है। ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर ध्यान के लिए आदर्श वातावरण प्रदान करता है। प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक महत्व का अद्भुत संगम है।
घृष्णेश्वर – इतिहास का साक्षी-
औरंगाबाद के एलोरा गुफाओं के पास स्थित घृष्णेश्वर मंदिर इच्छापूर्ति का स्थान माना जाता है। प्राचीन भारतीय कला और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम यहां देखने को मिलता है।
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