Vice President Dhankhar: अवैध आव्रजन और चुनावी हस्तक्षेप पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत में करोड़ों लोग बिना किसी वैध अधिकार के रह रहे हैं। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के 65वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए उन्होंने इस मुद्दे पर जन-जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया।
Vice President Dhankhar अवैध प्रवासियों का मुद्दा-
धनखड़ ने कहा, “करोड़ों लोग, जिन्हें भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है, यहाँ रह रहे हैं। वे न केवल यहाँ अपनी आजीविका कमा रहे हैं, बल्कि हमारी शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास जैसे क्षेत्रों में संसाधनों पर दावा कर रहे हैं। अब स्थिति यहाँ तक पहुँच गई है कि वे हमारी चुनावी प्रक्रिया में भी हस्तक्षेप कर रहे हैं।”
VIDEO | Speaking at the 65th convocation ceremony of Dr Babasaheb Ambedkar Marathwada University in Chhatrapati Sambhajinagar, Vice President Jagdeep Dhankhar (@VPIndia) said, “Crores of people who have no right to live in India are living here… They are making their livelihood… pic.twitter.com/stzXl2UzBQ
— Press Trust of India (@PTI_News) February 22, 2025
Vice President Dhankhar अमेरिका का उदाहरण-
बिना सीधे अमेरिका का नाम लिए, उपराष्ट्रपति ने हाल ही में भारतीय नागरिकों के निर्वासन का जिक्र किया। उन्होंने सवाल उठाया, “हर भारतीय के मन में यह प्रश्न उठना चाहिए – हम यह कब शुरू करेंगे?” उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे एक शक्तिशाली प्रेशर ग्रुप के रूप में कार्य करें और जनप्रतिनिधियों से सवाल करें।
धर्मांतरण पर चिंता-
धार्मिक परिवर्तन के मुद्दे को छूते हुए धनखड़ ने कहा कि हर व्यक्ति को किसी भी धर्म का पालन करने का अधिकार है, लेकिन प्रलोभन के माध्यम से धर्मांतरण हो रहा है। उन्होंने कुछ देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि जनसांख्यिकीय परिवर्तन राष्ट्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन सकते हैं।
विकास की राह-
भारत की विकास यात्रा पर बोलते हुए धनखड़ ने कहा कि पिछले एक दशक में देश ने “असाधारण आर्थिक वृद्धि, बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार, और गहन डिजिटलीकरण” देखा है। उन्होंने कहा, “यह देश अब संभावनाओं का देश नहीं, बल्कि एक ऐसा राष्ट्र है जो अनवरत प्रगति की ओर अग्रसर है।”
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सामाजिक परिवर्तन-
उपराष्ट्रपति ने टियर 2 और 3 शहरों में स्टार्टअप्स की बढ़ती संख्या की सराहना की। उन्होंने कहा कि सामाजिक परिवर्तन सामाजिक सद्भाव के माध्यम से आएगा। “सामाजिक सद्भाव हमारी विविधता में एकता को आकार देगा। हमें इसे हर कीमत पर बनाए रखना होगा।”
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