Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि, हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक, इस वर्ष 26 फरवरी को मनाई जाएगी। यह पर्व भगवान शिव के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। इस दिन देशभर में लाखों भक्त व्रत रखेंगे और भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करेंगे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव अपने भक्तों की प्रार्थनाओं को विशेष रूप से सुनते हैं और उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।
Maha Shivratri 2025 महाशिवरात्रि का महत्व-
महाशिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के रूप में भी मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि पर यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया था, जिससे सृष्टि का निर्माण, पालन और संहार का चक्र शुरू हुआ था।
श्रद्धालुओं का मानना है कि इस दिन की पूजा-अर्चना से जीवन में आने वाली कठिनाइयों का समाधान होता है। यदि आप लंबे समय से किसी समस्या, धन की कमी, करियर में रुकावट या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो महाशिवरात्रि के अवसर पर कुछ विशेष उपाय करके आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
Maha Shivratri 2025 शिव पुराण के अनुसार करें ये विशेष उपाय-
शिव पुराण में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई विशेष उपाय बताए गए हैं। इन्हें महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। आइए जानें कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण उपायों के बारे में:
Maha Shivratri 2025 शिवलिंग के पास दीपक जलाएं-
महाशिवरात्रि पर शिव मंदिर में रात के समय दीपक जलाने का विशेष महत्व है। शिव पुराण की कथा के अनुसार, कुबेर ने अपने पिछले जन्म में रात में शिवलिंग के पास दीपक जलाया था, जिसके फलस्वरूप वे अगले जन्म में देवताओं के कोषाध्यक्ष बने। इससे स्पष्ट है कि इस उपाय से धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
“महाशिवरात्रि की रात में शिवलिंग के पास तेल या घी का दीपक जलाने से व्यक्ति को धन-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और जीवन में खुशहाली आती है,” पंडित रामेश्वर शास्त्री बताते हैं।
Maha Shivratri 2025 पारद शिवलिंग की स्थापना-
महाशिवरात्रि पर यदि घर में पारद शिवलिंग की स्थापना की जाए, तो धन की कमी दूर होती है और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इसके लिए एक छोटा पारद शिवलिंग खरीदकर घर के मंदिर में स्थापित करें और महाशिवरात्रि से इसकी पूजा प्रारंभ करें।
“पारद शिवलिंग में नेगेटिव एनर्जी को अवशोषित करने और पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ाने का गुण होता है। इससे घर में आर्थिक समृद्धि आती है और गरीबी दूर होती है,” ज्योतिषाचार्य विनोद शर्मा कहते हैं।
स्फटिक शिवलिंग की पूजा-
यदि आप चाहें, तो महाशिवरात्रि के दिन स्फटिक शिवलिंग की पूजा भी कर सकते हैं। इसे जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से स्नान कराएं। इसके बाद “ॐ नम: शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
“स्फटिक शिवलिंग की पूजा से मन की शांति मिलती है और बुद्धि का विकास होता है। इस उपाय से अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण पाया जा सकता है और धन की बचत होने लगती है,” वाराणसी के प्रसिद्ध पुजारी कैलाश त्रिपाठी बताते हैं।
हनुमान जी की पूजा-
महाशिवरात्रि के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. आनंद मिश्रा के अनुसार, “चूंकि हनुमान जी भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं, इसलिए इस दिन हनुमान चालीसा पढ़ने से शिव जी और हनुमान जी दोनों प्रसन्न होते हैं। इससे भक्तों की समस्याएं दूर होती हैं और जीवन की कठिनाइयाँ कम होने लगती हैं।”
महाशिवरात्रि पर जरूर करें ये दान:-
सुहागिन महिलाओं को दान-
महाशिवरात्रि के दिन सुहागिन महिलाओं को दान देने से दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। लाल साड़ी, लाल चूड़ियां, कुमकुम आदि का दान करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।
“यह एक प्राचीन परंपरा है जो शिव-पार्वती के आदर्श दांपत्य को प्रतिबिंबित करती है। सुहाग सामग्री दान करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है,” समाज शास्त्री डॉ. प्रीति गुप्ता बताती हैं।
खीर और घी का दान-
महाशिवरात्रि पर बिल्व वृक्ष के नीचे खीर और घी का दान करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है और कार्यों में सफलता मिलती है।
“बिल्व वृक्ष भगवान शिव का प्रिय वृक्ष है। इसके नीचे खीर और घी का दान करने से शिव जी और लक्ष्मी जी दोनों प्रसन्न होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस उपाय को अपनाने से व्यक्ति के जीवन में सभी सुख-सुविधाएं बनी रहती हैं,” धर्मगुरु स्वामी श्रीधर महाराज कहते हैं।
अनाज और धन का दान-
महाशिवरात्रि के अवसर पर जरूरतमंदों को अनाज और धन का दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इससे पिछले जन्मों के पापों का प्रभाव समाप्त होता है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
वरिष्ठ धर्म प्रचारक पंडित रामानंद तिवारी बताते हैं, “दान करने का मतलब है अपने पास से कुछ देना। महाशिवरात्रि जैसे शुभ दिन पर किया गया दान कई गुना फल देता है। इसलिए, इस शुभ दिन पर गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता जरूर करें।”
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग अभिषेक-
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से करना चाहिए। इसके बाद शुद्ध जल से शिवलिंग को स्नान कराएं। इसके पश्चात बेलपत्र, धतूरा और अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें। भक्तों को शिव चालीसा और शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
“महाशिवरात्रि की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व है। तीन पत्तियों वाला बेलपत्र शिव जी को सबसे प्रिय है। इसे अर्पित करते समय ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें,” काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी रमाकांत मिश्रा बताते हैं।
इस महाशिवरात्रि पर करें संकल्प-
महाशिवरात्रि का पर्व केवल पूजा-पाठ तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्म-चिंतन और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का भी अवसर है। इस दिन यह संकल्प लें कि आप अपने जीवन से नकारात्मकता को दूर करेंगे और सकारात्मक सोच अपनाएंगे।
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“महाशिवरात्रि का व्रत आंतरिक शुद्धि का प्रतीक है। इस दिन हमें अपने अंदर के बुरे विचारों और आदतों को त्यागने का संकल्प लेना चाहिए। भगवान शिव की आराधना से हमें आंतरिक शक्ति और शांति मिलती है,” आध्यात्मिक गुरु देवानंद स्वामी कहते हैं।
महाशिवरात्रि हमें याद दिलाती है कि हमारे जीवन में चाहे कितनी भी चुनौतियां क्यों न हों, भक्ति और विश्वास के साथ हम सभी मुश्किलों का सामना कर सकते हैं। इस पावन अवसर पर हम सभी को भगवान शिव से यही प्रार्थना करनी चाहिए कि वे हमें सद्बुद्धि दें और सही मार्ग पर चलने की शक्ति प्रदान करें।
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