BJP National President: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मार्च मध्य तक अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन सकती है। पार्टी में चल रहे राज्य स्तरीय संगठनात्मक चुनावों के पूरा होने के बाद यह प्रक्रिया शुरू होगी। ANI के अनुसार, पहले यह चुनाव जनवरी में होने वाले थे, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनावों और कई राज्य इकाइयों में लंबित चुनावों के कारण इन्हें स्थगित कर दिया गया था।
BJP National President पार्टी के संविधान के अनुसार चल रही प्रक्रिया-
बीजेपी के संविधान के अनुसार, नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम 50% राज्य इकाइयों को अपने-अपने अध्यक्षों का चुनाव करना आवश्यक है। वर्तमान में, 36 राज्यों में से 12 में चुनाव पूरे हो चुके हैं, और राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव कराने से पहले कम से कम छह और राज्य इकाइयों को अपना नेतृत्व फाइनल करना होगा।
बीजेपी के सूत्रों ने ANI को बताया कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में राज्य अध्यक्षों के चुनाव अगले सप्ताह से 10 दिनों के भीतर पूरे होने की उम्मीद है।
BJP National President नए अध्यक्ष का चयन-
वर्तमान बीजेपी राज्य अध्यक्ष के जारी रहने की संभावना है, जबकि उत्तर प्रदेश में जिला स्तरीय चुनाव आने वाले दिनों में पूरे हो जाएंगे और इसके बाद एक सप्ताह के भीतर नए राज्य अध्यक्ष का चयन किया जाएगा। इन सभी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा।
BJP National President दक्षिण से महिला नेता बन सकती हैं अध्यक्ष-
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी के बारे में अटकलों में दक्षिण भारत से महिला नेताओं के नाम शामिल हैं। इनमें आंध्र प्रदेश में बीजेपी की प्रमुख दग्गुबाती पुरंदेश्वरी और बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा कोयंबटूर से विधायक वनाथी श्रीनिवासन का नाम शामिल है। इन उम्मीदवारों के अलावा, धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े और भूपेंद्र यादव के नाम भी सूची में हैं।
जेपी नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी का प्रदर्शन-
जेपी नड्डा ने 17 जून, 2019 को बीजेपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाला और 20 जनवरी, 2020 को आधिकारिक रूप से इस पद पर नियुक्त किए गए। वे पार्टी के 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। उनके कार्यकाल के दौरान, बीजेपी ने 35 राज्यों में चुनाव लड़े और 16 राज्यों में जीत दर्ज की। इन उपलब्धियों के साथ, पार्टी ने लोकसभा चुनावों में भी सफलतापूर्वक सत्ता बरकरार रखी।
राज्य इकाइयों के चुनाव पर निगाहें-
पार्टी के अंदर राज्य इकाइयों के चुनाव एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो आने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का मार्ग प्रशस्त करेगी। राज्य स्तर पर मजबूत नेतृत्व पार्टी की जमीनी ताकत को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, बीजेपी ने हमेशा एक संगठित और व्यवस्थित तरीके से अपने नेतृत्व का चयन किया है, जिसमें पार्टी के संविधान का पालन करते हुए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को महत्व दिया जाता है। यह प्रक्रिया पार्टी की मजबूती और आंतरिक लोकतंत्र का प्रतीक है।
चुनावी रणनीति और आगामी चुनौतियां-
नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को कई चुनावी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि आने वाले वर्षों में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा, 2029 के लोकसभा चुनावों की रणनीति बनाना भी एक बड़ी जिम्मेदारी होगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, नए अध्यक्ष का चयन पार्टी की भविष्य की रणनीति और दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का नेतृत्व करने के लिए अनुभव, क्षमता और दूरदर्शिता महत्वपूर्ण गुण माने जाते हैं।
क्या दक्षिण भारत को मिलेगा प्रतिनिधित्व?
अगर दक्षिण भारत से कोई नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष बनता है, तो यह बीजेपी के लिए क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। दक्षिण भारत में पार्टी अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, और एक दक्षिण भारतीय नेता का चयन इस दिशा में एक रणनीतिक निर्णय हो सकता है।
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महिला नेतृत्व पर ज़ोर दिया जाना भी पार्टी की प्रगतिशील सोच का संकेत माना जा रहा है। महिला नेताओं को महत्वपूर्ण पदों पर रखकर पार्टी एक सकारात्मक संदेश देना चाहती है। आने वाले दिनों में, पार्टी के अंदर राज्य स्तरीय चुनावों और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। भारतीय राजनीति में एक प्रमुख शक्ति के रूप में, बीजेपी का नेतृत्व परिवर्तन न केवल पार्टी के लिए बल्कि देश की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
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