Rahul Gandhi: शनिवार को राहुल गांधी ने अपनी ही पार्टी कांग्रेस के कामकाज पर सवाल उठाए। उन्होंने यहां तक कहा, कि अगर पार्टी के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए 30-40 लोगों को कांग्रेस से निकालने की जरूरत पड़ी, तो पार्टी हाई कमान हिचकिचाएगी नहीं।
अहमदाबाद के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने इशारा किया कि कुछ नेता पार्टी के भीतर से भाजपा के लिए काम कर सकते हैं, और उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए। “गुजरात में कांग्रेसियों के दो समूह हैं – एक जो कांग्रेस विचारधारा को प्रिय मानता है और दूसरा जो भाजपा के साथ काम कर रहा है। इन दो समूहों को अलग करने की जरूरत है,” उन्होंने कहा।
Rahul Gandhi “भाजपा के लिए काम करने वालों को बाहर फेंका जाएगा”-
राहुल गांधी अहमदाबाद, गुजरात में पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय निकाय चुनावों के पूर्व उम्मीदवारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा: “अगर जरूरत पड़ी, तो भाजपा के लिए काम करने वालों को बाहर फेंक दिया जाएगा। उन्हें वहां [भाजपा] में भी जगह नहीं मिलेगी।”
Fiery speech by Rahul Gandhi Ji 🔥
“We need to throw them out who works for the BJP despite holding posts in Congress.”
“Our District presidents, block Presidents and senior leaders should bleed Congress.”
Must watch.. pic.twitter.com/O2nuc7nhfu
— Shantanu (@shaandelhite) March 8, 2025
पार्टी के अंदर के मामलों पर बात करते हुए, राहुल गांधी ने कहा, “कांग्रेस में नेताओं की कोई कमी नहीं है… पार्टी में शेर हैं, लेकिन वे जंजीरों में बंधे हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि जमीनी स्तर के नेताओं की नसों में कांग्रेस का खून होना चाहिए।
Rahul Gandhi गुजरात कांग्रेस के लिए क्रिटिकल टाइम-
राहुल गांधी के इस बयान का समय काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि गुजरात में कांग्रेस पार्टी पिछले कई सालों से लगातार कमजोर होती जा रही है। 2022 के विधानसभा चुनावों में, पार्टी को सिर्फ 17 सीटें मिली थीं, जो राज्य की 182 सीटों का केवल 9.3% है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता, जिन्होंने गुमनाम रहने की शर्त पर बात की, ने कहा, “गुजरात में कांग्रेस की स्थिति चिंताजनक है। कई नेता और कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर भाजपा या अन्य दलों में शामिल हो गए हैं। राहुल जी का बयान स्पष्ट संकेत है कि पार्टी अब आंतरिक मामलों को गंभीरता से देख रही है।”
Rahul Gandhi आंतरिक विशुद्धि अभियान का संकेत?
राहुल गांधी के इस बयान को कांग्रेस के एक आंतरिक विशुद्धि अभियान के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है, और कई मामलों में उन पर दोहरी भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया है।
राजनीतिक विश्लेषक प्रमोद सिंह के अनुसार, “कांग्रेस लंबे समय से यह स्वीकार करने से बचती रही है कि पार्टी के अंदर ही कुछ ऐसे लोग हैं जो इसे कमजोर कर रहे हैं। राहुल का बयान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन असली चुनौती इन तथाकथित ‘दोहरे एजेंटों’ की पहचान करने और उन्हें हटाने की होगी।”
कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत-
इस बीच, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के बयान का स्वागत किया है। अहमदाबाद के एक स्थानीय कार्यकर्ता, रमेश पटेल ने कहा, “हम लंबे समय से जमीन पर काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ बड़े नेताओं की वजह से हमारी मेहनत बेकार जा रही है। हमें उम्मीद है कि राहुल जी के नेतृत्व में अब पार्टी मजबूत होगी।”
एक अन्य कार्यकर्ता, सोनिया मेहता ने कहा, “जब भी चुनाव आते हैं, हम पूरी ताकत लगाते हैं, लेकिन कुछ नेता हमारी जानकारी और रणनीति लीक कर देते हैं। ऐसे लोगों के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।”
आगे की चुनौतियां-
राहुल गांधी के इस बयान के बाद अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस वास्तव में इसपर कार्रवाई करेगी। पार्टी के सामने न केवल कथित “दोहरे एजेंटों” को पहचानने की चुनौती है, बल्कि पार्टी की छवि को भी बचाना है जो आंतरिक कलह से पहले ही प्रभावित है।
गुजरात कांग्रेस के एक पूर्व प्रवक्ता ने कहा, “आंतरिक सफाई जरूरी है, लेकिन इसे इस तरह से किया जाना चाहिए कि पार्टी और कमजोर न हो। हमें वास्तविक कार्यकर्ताओं और नेताओं को बरकरार रखना होगा, जबकि उन लोगों से छुटकारा पाना होगा जो पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।”
“पार्टी में शेर हैं, लेकिन वे जंजीरों में बंधे हैं”-
राहुल गांधी का यह बयान कि “पार्टी में शेर हैं, लेकिन वे जंजीरों में बंधे हैं” कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इससे संकेत मिलता है कि कांग्रेस में प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन उन्हें आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल रहा है।
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जयपुर के एक राजनीतिक समीक्षक, डॉ. अनिल शर्मा के अनुसार, “कांग्रेस का सबसे बड़ा संकट अब नेतृत्व का नहीं, बल्कि मध्यम स्तर के नेताओं का है जो अपने स्वार्थ के लिए पार्टी के हितों की अनदेखी करते हैं। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को सीधे संबोधित किया है, जो एक सकारात्मक कदम है।”
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस वास्तव में अपने भीतर से “भाजपा के लिए काम करने वालों” को पहचानने और हटाने के लिए कोई ठोस कदम उठाती है। ऐसा करते समय, पार्टी को अपने आंतरिक लोकतंत्र और पारदर्शिता के सिद्धांतों का भी सम्मान करना होगा, जिसके लिए वह हमेशा से जानी जाती है।
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