कांचीपुरम हजारों मंदिरों का शहर है, ये कभी पल्लव राजवंश की राजधानी था, और 4वीं से 9वीं शताब्दी के बीच यहाँ धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा। इस शहर में हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के मंदिर के अवशेष आज भी मौजूद हैं, जो इसकी धार्मिक विविधता और समृद्ध विरासत को दर्शाते हैं।
तमिलनाडु का ऐतिहासिक शहर कांचीपुरम, जिसे ‘हजारों मंदिरों का शहर’ कहा जाता है, भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह शहर सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं, बल्कि इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों के लिए भी एक अद्भुत स्थल है।
प्रमुख मंदिर
यहाँ के प्रमुख मंदिरों में कैलाशनाथर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिसकी वास्तुकला पत्थर में उकेरे गए उत्कृष्ट चित्रों के लिए प्रसिद्ध है। एकाम्बरेश्वरर मंदिर में स्थित हज़ारों साल पुराना आम का पेड़ और भव्य गोपुरम श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देता है। वहीं कामाक्षी अम्मन मंदिर, देवी शक्ति को समर्पित है और शक्ति पीठों में गिना जाता है।
रेशमी साड़ियों का घर
न केवल मंदिरों के लिए, बल्कि इसकी शानदार कांची सिल्क साड़ियों के लिए भी दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहाँ की साड़ियाँ हाथ से बुनी जाती हैं और पारंपरिक विवाहों तथा त्योहारों में खास महत्व रखती हैं।
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कैसे जाएँ
कांचीपुरम चेन्नई से लगभग 75 किलोमीटर दूर है और सड़क या रेल मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। यहाँ आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक होता है।कुल मिलाकर, कांचीपुरम एक ऐसा स्थान है जहाँ आस्था, कला, संस्कृति और परंपरा एक साथ जीवंत रूप में दिखती हैं। अगर आप भारत की गहराई से पहचान करना चाहते हैं, तो कांचीपुरम की यात्रा ज़रूर करें।
 
					 
							 
			 
                                 
                             