महाराष्ट्र के एलोरा की गुफाओं में स्थित कैलाश मंदिर (Cave 16) को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। यह मंदिर न केवल स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि एक ऐसा रहस्य भी है जिसे आज तक कोई पूरी तरह नहीं सुलझा पाया है।
एक ही पत्थर से बना पूरा मंदिर!
कैलाश मंदिर को किसी ईंट या जोड़ से नहीं बनाया गया है, बल्कि एक ही विशालकाय चट्टान को ऊपर से नीचे की ओर काटकर तराशा गया है। यह प्रक्रिया अपने आप में दुनिया की किसी भी प्राचीन स्थापत्य शैली से अलग है।
🔍 वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का अनुमान है कि इस मंदिर को बनाने के लिए करीब 4 लाख टन पत्थर हटाए गए थे।
कैसे हुआ यह संभव?
यह सवाल आज भी अनुत्तरित है —
8वीं शताब्दी में, जब न कोई क्रेन थी, न डायनामाइट, तो आखिर इतने बड़े पत्थर कैसे हटाए गए?
इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। कुछ मानते हैं कि यह मानव श्रम और संकल्प की मिसाल है, जबकि कुछ इसे प्राचीन उच्च तकनीक या यहां तक कि एलियन इंटरवेंशन का उदाहरण मानते हैं।
आध्यात्मिक ऊर्जा और शक्ति
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस स्थान में अलौकिक ऊर्जा है। ध्यान करने वाले साधक कहते हैं कि यहां बैठते ही मन एक अलग शांति की अवस्था में चला जाता है।
कई योगियों ने दावा किया है कि यह स्थान ‘सिद्धों’ की भूमि रही है, जहां अद्भुत शक्तियों का प्रयोग होता था।
एक और रहस्य
इतना विशाल और अद्भुत मंदिर कैसे बना, इसका कोई ऐतिहासिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। न कोई शिलालेख, न कोई वर्णन, जो स्पष्ट रूप से बताता हो कि यह कार्य कब शुरू हुआ, कितने समय में पूरा हुआ और किसने किया।
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