मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में इन दिनों वहां के किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है जिसकी वजह टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर खाद की उपलब्धता का कारण बताया जा रहा है। दरअसल बात यह है कि टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर खाद की उपलब्धता बताकर किसानों को खाद नहीं दिया जा रहा है। Nano DAP खाद को लेकर वहां के किसानों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
कृषि मंत्री के सामने किसानों ने कहा उन्हें डीएपी खाद नहीं मिल रही
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में कि किसानों ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने जाकर कहा कि उन्हें पारंपरिक डीएपी खाद नहीं मिल रही है बल्कि जबरदस्ती उन्हें Nano DAP दे दिया जा रहा है। किसानों का कहना था कि टोल फ्री नंबर पर शिकायत करने के बावजूद उन्हें कोई भी जवाब नहीं मिल रहा और उनके पास खाद की कमी बरकरार है। किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो वह आंदोलन करेंगे।

सरकार ने कहा Nano DAP एक प्रभावशाली खाद है।
Nano DAP खाद को सरकार एक आधुनिक और प्रभावशाली उर्वरक बता रही है, इस खाद की मात्रा कम होती है लेकिन इसके उपयोग से फसल में पोषण और गुणवत्ता काफी बेहतर होती है। सरकार का दावा है कि यह खाद पर्यावरण के अनुकूल भी है। लेकिन किसानों का ऐसा कहना है कि उन्हें खाद की पूरी जानकारी दिए बिना Nano DAP खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है
किसानों के पास जानकारी का अभाव
जबलपुर के किसानों के अनुसार उनके पास जानकारी का अभाव है जिस कारण कई किसानों को खाद के बारे में सही समझ नहीं आ रही है और नहीं उन्हें सरकार के द्वारा ऐसी कोई ट्रेनिंग दी गई है जिससे वह सही उर्वरक खाद की पहचान कर सके। ऊपर से टोल फ्री नंबर पर शिकायत करने पर सहायता भी नहीं मिलती है।
अब सवाल उठता है कि क्या सरकार Nano DAP को जमीन पर लागू करने से पहले उसकी जानकारी किसानों तक पहुंचाई थी या किसानों को ऐसा विश्वास दिलाया था कि यह खाद बेहतर है? इन सभी सवालों के जवाब अब किसानों के लिए जरूरी है क्योंकि किसान सिर्फ तकनीक ही नहीं बल्कि भरोसे की भी खेती करता है।
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