अमेरिका ने कड़े रुख अपनाते हुए नेचुरलाइज्ड सिटिजनशिप हासिल करने वाले एक भारतीय की नागरिकता खत्म कर दी गई है। वह 1991 में बगैर दस्तावेजों के भारत से आया था। फर्जी नागरिकता के खिलाफ ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन जेनस के तहत की गई यह पहली कार्रवाई है। बता दें कि दूसरे देश से आने वाले शख्स को बगैर एप्लाई किए मिल जाने वाली नागरिकता को नेचुरलाइज्ड सिटिजनशिप कहा जाता है। ऐसा वहां के कानून की शर्तों के पूरा होने से होता है। अमेरिका में वहां के किसी शख्स से शादी करने या वहां जन्म लेने से नेचुरलाइज्ड सिटिजनशिप मिल जाती है।
दस्तावेज के बगैर आया था न्यू जर्सी
- न्यू जर्सी के कार्टेरेट में रहने वाले बलजिंदर सिंह (43) ने 2006 में अमेरिकी मूल की महिला से शादी करके नेचुरलाइज्ड सिटिजनशिप हासिल की थी।
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जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, बलजिंदर अमेरिका में 1991 में आया था। उसने अपना नाम दविंदर सिंह रख लिया था।
- उसे कोर्ट ने 1992 में डिपोर्ट करने का ऑर्डर दिया। करीब एक महीने बाद उसने बलजिंदर सिंह नाम से शरणार्थी के तौर पर रहने की इजाजत मांगी। हालांकि, उसने अपनी एप्लिकेशन में कोर्ट के ऑर्डर और बगैर दस्तावेजों के अमेरिका आने का जिक्र नहीं किया।
पिछले हफ्ते रद्द की गई नागरिकता
- पिछले शुक्रवार न्यू जर्सी के फेडरल जज ने उसकी नेचुरलाइजेशन रद्द कर दी। इसके बाद वह बेदखली की कार्रवाई के दायरे में आ गया।
- ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के यूएस सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विस डायरेक्टर फ्रांसिस सिस्ना ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह मामला और जो इसे फॉलो कर रहे हैं उनके लिए यह एक सख्त मैसेज होगा कि अमेरिका में फर्जी नागरिकता हासिल करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
3 लाख 15 हजार फ्रिंगर प्रिंट डाटा गायब
- अमेरिका में सितंबर में पता चला था कि 3 लाख 15 हजार केस में लोगों के फिंगर प्रिंट डाटा गायब है।
- सिंह के खिलाफ सितंबर में ही केस दर्ज किया गया था। इसके अलावा कनेक्टिकट और फ्लोरिडा में दो पाकिस्तानियों के खिलाफ भी ऐसा ही मामला दर्ज किया गया था।