भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयरस्ट्राइक में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह किया गया। जिसके बाद से भारतीय सेना के जवानों के शौर्य को सलाम किया जा रहा है। इसी पर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, जब किसी के द्वारा पूछा जाता है कि एयर स्ट्राइक में कितने लोग मारे गए। ऐसा पूछा नहीं जाना चाहिए। जब कोई ऐसे प्रश्न पूछता है तो इसका मतलब कि वे हमारी सेना और उनके शौर्य पर सवालिया निशान लगाने की कोशिश कर रहा है।’
एक न्यूज़ चैनल को दिए गए इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा कि यह जाहिर है कि एयर स्ट्राइक हुई, इसके कारण पाकिस्तान परेशान हुआ। वह सदमें में रहा है। मुझे आश्चर्य होता है कि इस सच्चाई को समझते हुए भी लोग क्यों ऐसे सवाल उठा रहे हैं? भारत में रहने वाले कुछ लोग या राजनीतिक पार्टी के कुछ नेता क्यों सदमें में हैं? पाकिस्तान सदमें में हो तो बात समझ में आती है, लेकिन भारत में रहने वाले नेताओं का सदमें में रहना समझ में नहीं आता है।’
इसके अलावा, राजनाथ सिंह ने कहा कि हम सर्जिकल स्ट्राइक की मार्केटिंग नहीं कर रहे हैं। हां, लेकिन ये सच है कि हमने एयरफोर्स के जवानों के शौर्य की प्रशंसा की। क्या ये नहीं किया जाना चाहिए? हमें गौरव की अनुभूति हुई है।
पाकिस्तान के साथ आगे के रिश्तों पर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पहले तो पाकिस्तान में जितने भी आतंकी ठिकाने हैं, वहां की सरकार द्वारा उन्हें खत्म करने की पहल की जानी चाहिए। आतंकवादी गतिविधियां वहां से न हो, किसी भी आतंकी संगठन को संरक्षण न मिले, पहले यह कोशिश की जानी चाहिए।’
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भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयरस्ट्राइक में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह किया गया। जिसके बाद से भारतीय सेना के जवानों के शौर्य को सलाम किया जा रहा है। इसी पर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, जब किसी के द्वारा पूछा जाता है कि एयर स्ट्राइक में कितने लोग मारे गए। ऐसा पूछा नहीं जाना चाहिए। जब कोई ऐसे प्रश्न पूछता है तो इसका मतलब कि वे हमारी सेना और उनके शौर्य पर सवालिया निशान लगाने की कोशिश कर रहा है।’एक न्यूज़ चैनल को दिए गए इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा कि यह जाहिर है कि एयर स्ट्राइक हुई, इसके कारण पाकिस्तान परेशान हुआ। वह सदमें में रहा है। मुझे आश्चर्य होता है कि इस सच्चाई को समझते हुए भी लोग क्यों ऐसे सवाल उठा रहे हैं? भारत में रहने वाले कुछ लोग या राजनीतिक पार्टी के कुछ नेता क्यों सदमें में हैं? पाकिस्तान सदमें में हो तो बात समझ में आती है, लेकिन भारत में रहने वाले नेताओं का सदमें में रहना समझ में नहीं आता है।’इसके अलावा, राजनाथ सिंह ने कहा कि हम सर्जिकल स्ट्राइक की मार्केटिंग नहीं कर रहे हैं। हां, लेकिन ये सच है कि हमने एयरफोर्स के जवानों के शौर्य की प्रशंसा की। क्या ये नहीं किया जाना चाहिए? हमें गौरव की अनुभूति हुई है।पाकिस्तान के साथ आगे के रिश्तों पर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पहले तो पाकिस्तान में जितने भी आतंकी ठिकाने हैं, वहां की सरकार द्वारा उन्हें खत्म करने की पहल की जानी चाहिए। आतंकवादी गतिविधियां वहां से न हो, किसी भी आतंकी संगठन को संरक्षण न मिले, पहले यह कोशिश की जानी चाहिए।’राजनाथ सिंह ने कहा, ‘अगर पाकिस्तान की सरकार ऐसा प्रयास करती है, तो फिर बातचीत की जा सकती है। आतंकवाद और बातचीत दोनों साथ साथ नहीं चल सकती। कहीं न कहीं पाकिस्तान की ओर से ईमानदारी दिखनी चाहिए। पाकिस्तान पहले आतंकवादी ठिकानों का सफाया करे। वे डंके की चोट पर कहे कि आतंकवाद को पाकिस्तान की सरजमीं पर पनपने नहीं देंगे। हमारा पड़ोसी देश है, हम लोग भी चाहते हैं कि रिश्ते अच्छे रहें।’