EVM: जब से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन EVM के साथ छेड़छाड़ के दावों का खुलासा हुआ है, तभी से राजनीति में कॉल्ड वॉर शुरू हो चुकी है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और विपक्ष नेताओं ने मीडिया की खबर का हवाला देते हुए कहा कि मुंबई में उत्तर पश्चिमी लोकसभा उम्मीदवार के रिश्तेदार ने 4 जून को मतगणना के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल किया था, जो कि ईवीएम से कनेक्टिड था।
निर्वाचन क्षेत्र की अधिकारी वंदना सूर्यवंशी का कहना है कि इस खबर को झूठी कहकर खारिज कर दिया गया। ऐसा कहा गया कि प्रशासन को मानहानि का नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया की EVM को हैक नहीं किया जा सकता और इसमें वायरलेस से संचार स्थापित नहीं हो सकता।
झूठ को बढ़ावा-
भारतीय जनता पार्टी पर विपक्षी नेताओं ने निशाना साधते हुए मांग की है कि निर्वाचन आयोग उन सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर करें। जिन्होंने खबर को साझा करके झूठ को बढ़ावा दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चेयरमैन ऑफ़ टेस्ला और एक्स के सीईओ के पोस्ट का हवाला देते हुए, उन्होंने EVM को हटाने की बात कही थी और दावा किया था कि EVM पर हैकिंग का खतरा रहता है।
EVM एक ब्लैक बॉक्स-
राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत में EVM एक ब्लैक बॉक्स है और किसी को भी उनकी जांच करने के अनुमति नहीं है। हमारी चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता के लेकर गंभीर चिंताएं जा रही है। जब संस्थानों में जवाब देही नहीं होती, तो लोकतंत्र दिखावा बनकर रह जाता है। उनका कहना है कि जिस खबर में यह दावा किया गया था कि शिवसेना की उम्मीदवार रविंद्र के एक रिश्तेदार के पास एक मोबाइल फोन था। जिसमें EVM अनलॉक किया गया था।
आलोचना का जवाब-
पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने EVM के संबंध में आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि यह अमेरिका और अन्य जगहों पर लागू होता है, जहां EVM में कंप्यूटर और अन्य प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हैं, चंद्रशेखर ने कहा कि भारत में EVM खास तौर पर तैयार की गई है और यह काफी सुरक्षित है। किसी भी नेटवर्क या मीडिया से जुड़ी हुई कोई कनेक्टिविटी नहीं है, वाई-फाई इंटरनेट नहीं है, फैक्ट्री प्रोग्राम्ड कंट्रोल नहीं है, जिन्हें पुन: प्रोग्राम नहीं किया जा सकता।
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ईवीएम को हैक नहीं किया-
भाजपा नेता का कहना है कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों को ठीक उसी तरह से निर्मित किया जा सकता है, जैसा भारत ने किया हैं। हमें ट्यूटोरियल देने में खुशी होगी, शिवसेना के नेता आदित्य ठाकुर और प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस खबर को साझा कर मांग की जिस दिन यह चुनाव हुआ उस दिन की सीसीटीवी फुटेज शेयर की जानी चाहिए। इस खबर के बाद से ही सभी में जगह तहलका मच गया और जगह-जगह पर यह बातें फैलने लगी की है कि क्या ईवीएम मशीन को हैक किया जा सकता है। हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि ईवीएम को खास तौर पर तैयार किया जाता है जो ना किसी ब्लूटूथ, वाई-फाई और ना ही किसी इंटरनेट से कनेक्ट होता है।
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