Mathura Peda: हाल ही में तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लड्डूओं में मिलावट को लेकर हुई, घटना के बाद देश में चारों तरफ माहौल गरमाया हुआ है। अब तिरुपति के बाद मथुरा के खोया से बनने वाली मिठाइयां भी शक के घेरे में आ चुकी हैं। यूपी की मैनपुरी सीट से सपा सांसद डिंपल यादव ने मथुरा के खोय को जचने की मांग की है। इस समय आंध्र प्रदेश की तिरुपति मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलने का मुद्दा अभी भी गर्माया हुआ है। सपा के सांसद ने इस तरह के मिलावट को बहुत गंभीर मामला बताते हुए मथुरा में बिक रहे पेड़े में मिलावट की खबरे की जांच करने की मांग की है।
बहुत गंभीर मामला (Mathura Peda)-
डिंपल ने जन जागरण संविधान बचाओ साइकिल यात्रा के दौरान, पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, कि प्रसाद में ऐसा कुछ मिलना बहुत गंभीर मामला है और इससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को काफी ठेस पहुंची है। डिंपल का कहना है कि सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए और दोषियों को सजा देनी चाहिए। ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं, कि मथुरा के खोया में भी मिलावट की जा रही है। बीजेपी सरकार को दोनों मामलों की जांच करनी चाहिए।
मथुरा में प्रमुख मंदिरों से प्रसाद के 13 सैंपल-
उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा निधी प्रशासन ने परीक्षण के लिए मथुरा में प्रमुख मंदिरों से प्रसाद के 13 सैंपल लिए हैं। उन्होंने कहा कि, विभाग की असफलता की वजह से मिलावटी पदार्थ और तेल बहुत गंभीर बीमारियों का कारण बन रहे हैं। वह इस मामले पर लापरवाही बरत रहे हैं और चुप हैं। तिरुपति में लड्डू के मिलावट को ध्यान में रखते हुए एफएसएसएआई ने तिरुपति देवस्थानम को कथित रूप से घटिया घी की आपूर्ति करने के लिए तमिलनाडु में मौजूद एक कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
खाद्य सुरक्षा एवं मानक-
जिसमें डेरी फूड प्राइवेट लिमिटेड से पूछा गया है, कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक के नियम 2011 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए उसका केंद्रीय लाइसेंस निलंबित क्यों ना किया जाए। नोटिस के मुताबिक, एफएसएसएआई ने कहा है कि उसे आंध्र प्रदेश के प्रीवेंटिव मेडिसिन संस्थान के निदेशक से जानकारी मिली है, कि डिंडीगुल में मौजूद डेरी फूड प्राइवेट लिमिटेड पिछले 4 सालों से तिरुपति देवस्थानम को घी की आपूर्ति कर रही है।
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उत्तराखंड में मौजूद शंकराचार्य-
उत्तराखंड में मौजूद शंकराचार्य स्वामी मुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के भक्तों को दिए जाने वाले प्रसाद में कथित रूप से जानवरों की चर्बी मिलने की घटना के लिए संपूर्ण मंदिर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। इसके साथ ही लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, कि इतनी बड़ी घटना हो गई, जो तिरुपति के ट्रस्टी हैं, नियुक्त बड़े-बड़े अधिकारी हैं, दोषी भले ही कोई तीसरा निकल आए। लेकिन प्रथम दोषी वही सब हैं, अब उनको वक्तव्य देकर दिखावा करने का अधिकार नहीं है।
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