Republic Day Parade: हर साल की तरह इस साल भी गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में झांकियां निकाली जाएंगी और इस साल भी राजपथ पर होने वाले पारंपरिक परेड में दिल्ली की झांकी शामिल नहीं होने वाली है, क्योंकि इस बार भी चयन प्रक्रिया में दिल्ली को बाहर कर दिया गया है। यह चौथी बार है, जब राष्ट्रीय राजधानी को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल नहीं किया जाएगा। इस स्थिति ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच फिर से जुबानी जंग को छेड़ दिया है। दिल्ली सरकार का नेतृत्व लगभग एक दशक तक करने वाले केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला किया और कहा के पिछले कई सालों से दिल्ली की झांकी को परेड में शामिल नहीं होने दिया जा रहा है। यह किस तरह की राजनीति है। वह दिल्ली के लोगों से इतनी नफरत क्यों कर रही हैं।
अलग-अलग राज्यों की झांकियों का चयन-
दिल्ली के लोगों को उन्हें वोट क्यों देना चाहिए। हालांकि राजनीति में आरोप प्रत्यारोप तो चलते रहेंगे, लेकिन आज हम आपको बताने वाले हैं, कि 26 जनवरी पर परेड की झांकियों का सिलेक्शन आखिर कैसे किया जाता है। हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में अलग-अलग राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों की झांकियां का चयन हो सुनियोजित प्रक्रिया के जरिए किया जाता है। यह प्रक्रिया भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के जरिए आयोजित होती है। इस प्रक्रिया का आगाज राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और अलग-अलग मंत्रालय से झांकियां के प्रस्ताव में एक थीम या विषय से होता है।
थीम हर साल बदलती है(Republic Day Parade)-
हर प्रस्ताव में एक थीम या विषय भी दिया जाता है, जो भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीय उपलब्धियां, परंपराओं या फिर किसी खास जानकारी पर आधारित होती है। यह थीम हर साल बदलती हैं, जिससे झांकियों में नयापन बना रहे। इसके साथ ही प्रस्ताव हासिल करने के बाद एक स्पेशल कमेटी का गठन किया जाता है। जिसमें डिजाइनर, कलाकार, इतिहासकार और सांस्कृतिक विशेषज्ञ शामिल होते हैं।
झांकियों के शुरुआती डिजाइन (Republic Day Parade)-
यह कमेटी झांकियों के शुरुआती डिजाइन और उनके साथ लगने वाले नोट्स की जांच भी करती है। साथ ही यह भी देखा जाता है, की झांकी का डिजाइन कितना रचनात्मक है। संदेश कितना असरदार है, वह राष्ट्रीय या सांस्कृतिक महत्व को कितनी अच्छी तरह से दिखा पा रही है। इसके बाद कमेटी की ओर से दिए गए सुझावों के मुताबिक, बदलाव करने के बाद एक बार फिर से संशोधित डिजाइनों को कमेटी के सामने पेश किया जाता है।
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3डी मॉडल की जांच-
उसके बाद फाइनल सिलेक्शन के लिए साथ 6 से 7 राउंड की बैठकों में कमेटी 3डी मॉडल की जांच करती है। इस प्रक्रिया के बाद झांकियों के मानने का काम शुरू हो जाता है। परेड से पहले की झांकियों का कई बार पूर्वअभ्यास किया जाता है। जिससे उनकी प्रस्तुति में कोई कमी ना रहे और वह उम्मीद के मुताबिक परेड में प्रदर्शन कर पाएं। इसके अलावा गणतंत्र दिवस पर झांकियों को परेड के बाद इनाम भी दिया जाता है। सभी झांकियों में से बेस्ट झांकी को चुना जाता है, फिर एक्सपर्ट्स का एक पैनल झांकियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है और अलग-अलग कैटेगरी में पुरस्कार दिया जाता है।
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