सोमवार को पानीपत फिल्म के विरोध में दिल्ली के नेहरु प्लेस स्थित महाराजा सूरजमल पर्वत पर जाट समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। आशुतोष गोवारिकर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में महाराजा सूरजमल के किरदार को गलत तरीके से पेश किए जाने के आरोपों के चलते इसका विरोध किया जा रहा है।
प्रदर्शन में शामिल मनोज फौजदार ने बताया कि फिल्म पानीपत में जाट समाज के आदर्श महाराज सुरजमल को लालची दिखाया गया है। जो उनके चरित्र और इतिहास के साथ फिल्म निर्देशक की ओर से सीधी छेड़छाड़ है। इसे जाट समाज कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
फिल्म में महाराज सूरजमल का चित्रण मनगढंत तरीके से करना अशोभनीय है। इससे जाट समाज में पूरा रोष है। मनोज ने बताया कि अंग्रेजों से भी कभी हार न मानने वाले महाराजा सूरजमल के किरदार की लंबाई फिल्म में भाउराव से कम दिखाई गई। महाराजा सूरजमल के सामने उनका कद पांच फुट चार इंच था और महाराजा सात फुट दो इंच के कद वाले थे।
प्रदर्शन में शामिल अन्य लोगों के अनुसार बॉलिवुड के फिल्म निर्माता जान बूझ कर इतिहास से छेडछाड कर फिल्म बनाते हैं। ताकि लोग उन फिल्मों का विरोध करें और उन्हें इस विवाद का फायदा मिल सके। जिससे फिल्म बडी आसानी से हिट हो जाए। इसके चलते वो धीरे धीरे कर हर समाज के महापुरुषों के किरदार से छेडछाड करते हैं।
जाट समाज ने सरकार से फिल्म निर्देशक आशुतोष गावरेकर के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की मांग की है। जिससे वो और अन्य फिल्म निर्माता भविष्य में ऐसी गलती न दोहराएं। क्योंकि इससे सरकारी संपत्ती को नुकसान पहुंचने के साथ लोगों का प्रदर्शनों में समय व्यर्थ होता है। किसी भी समाज के इतिहास से छेडछाड को लेकर सख्त नियम बनाए जाने चाहिए। ताकि भविष्य में किसी भी समाज के लोगों को अपने महापुरुषों के सम्मान के लिए सडक पर न उतरना पडे़।
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