जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले की इरमीम शमीम नाम की महिला पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गई है। दरअसल, इरमीम शमीम ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा पास की है, जिसके बाद वह एम्स में दाखिला लेने वाली वह पहली गुर्जर लड़की है। लेकिन इरमीम के लिए ये सब कर पाना इतना भी आसान नहीं था। इसके लिए उन्होंने कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, इरमीम शमीम ने कहा, "मैंने कभी इसकी उम्मीद नहीं की थी कि मैं इस प्रवेश परीक्षा पास को पहली बार में ही पास कर पाउंगी। लेकिन अब जब मुझे यह मौका मिला है, तो मैं अपना 100% दूंगी और कड़ी मेहनत करूंगी। साथ ही, अपने शहर और भारत का नाम रोशन करूंगी।
https://twitter.com/ANI/status/1165721746885857280खबरों की माने तो इरमीम शमीम ने जम्मू-कश्मीर के हालात अच्छे न होने बावजूद भी अपनी पढ़ाई पर फोकस रखा। उन्हें इस परीक्षा के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। इरमीम एक पिछड़े समुदाय से हैं और उसका परिवार आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। वह स्कूल जाने के लिए हर दिन 10 किलोमीटर पैदल जाती थीं क्योंकि उनके गांव के पास कोई अच्छा स्कूल नहीं था।
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वहीं, इरमीम के एम्स एमबीबीएस परीक्षा क्लियर करने के बाद उनका परिवार काफी खुश है। वे उसे एक सफल डॉक्टर बनते देखना चाहते हैं, ताकि उनकी बेटी जम्मू-कश्मीर और देश के लोगों की सेवा कर सके। साथ ही, इरमीम ने कहा कि सभी के जीवन में कुछ न कुछ दिक्कतें होती है। लेकिन हम सभी को उन दिक्कतों से लड़ना चाहिए। जिसके बाद सफलता निश्चित रूप से आपके पास आएगी।
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एएनआई से बातचीत करते हुए इरमीम के चाचा लियाकत चौधरी ने उनकी इस सफलता के बारे में बताया। साथ ही, कहा लड़कियां इस क्षेत्र की आशा हैं। उन्होंने कहा, "जम्मू और कश्मीर की लड़कियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीवन के हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाई है।"
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