बर्बाद नहीं जाएगा नोटा पर पड़ने वाला एक एक वोट

Updated On: May 3, 2019 11:19 IST

Dastak

अजय चौधरी

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Photo- Ajay Chaudhary

जैसे जैसे युवा आबादी बढ़ रही है। ऐसे ऐसे पारंपरिक वोटों के आधार पर चलने वाली पार्टियां अपने ही गढ़ में धीरे धीरे पिछड़ती जा रही हैं। क्योकिं अब वो उनके पूर्वजों के नाम पर उन्हें वोट नहीं देना चाहते। युवा मुद्दों की बात चाहते हैं और उन्हें अब किसी चहरे में क्रांति नहीं दिखाई देती। केजरीवाल और कन्हैया जैसे चहरों से युवाओं को काफी उम्मीद थी। लेकिन वो जानते हैं कि इस राजनीति में आकर सब ऐसे ही हो जाते हैं। इसलिए उनके विरोध का सबसे अच्छा विकल्प अब नोटा ही बचा है।

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वो जानते हैं कि नोटा को वोट देने से कोई प्रत्याशी नहीं जीतेगा, कुछ लोग उनका मत जानकर कहते हैं कि तुम्हारी वोट बर्बाद हो जाएगी या तो जिताओ या हराओ। लेकिन वो फिर भी नोटा दबा अपनी आवाज नेताओं तक पहुचाँना चाहते हैं कि वो आप में से किसी को वोट देने के योग्य नहीं मानते। मेरा मानना है कि नोटा पर मतप्रतिशत बढ़ने से देश की संसद पर इसे शक्तियां प्रदान करने का दबाव निश्चित ही बढ़ेगा, जिससे नोटा पर पड़ने वाली वोट बर्बाद नहीं जाएगी।

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सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि वो आदेश दे सकता है कानून या नए नियम नहीं बना सकता। ये काम देश की संसद का है। लेकिन संसद में कोई भी दल नोटा को शक्ति देने के पक्ष में नहीं दिखता। क्योकिं नोटा को शक्ति देने का मतलब है रीलेक्शन और चुनाव में खड़े हुए सभी उम्मीदवारों का अयोग्य साबित हो जाना।

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