Google Doodle: जानिए कौन हैं मैक्सिकन नोबेल विजेता डॉ. मारियो मोलिना?

जब भी किसी महान शख्सियत का बर्थडे या फिर कुछ बड़ा इवेंट होता है, तब गूगल डूडल बनाकर उसे सेलिब्रेट करता है। आज 19 मार्च, 2023 का गूगल डूडल मैक्सिकन कैमिस्ट डॉ मारियो मोलिना पर आधारित है।

Updated On: Mar 19, 2023 13:09 IST

Dastak Web Team

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स्नेहा मिश्रा 

जब भी किसी महान शख्सियत का बर्थडे या फिर कुछ बड़ा इवेंट होता है, तब गूगल डूडल बनाकर उसे सेलिब्रेट करता है। आज 19 मार्च, 2023 का गूगल डूडल मैक्सिकन कैमिस्ट डॉ. मारियो मोलिना पर आधारित है।

आज उनका 80वां जन्मदिन है, उन्होंने सफलतापूर्वक सरकारों को ग्रह की ओजोन परत को बचाने के लिए एक साथ आने के लिए राजी किया था। कैमिस्ट्री में 1995 के नोबेल पुरस्कार के सह-प्राप्तकर्ता डॉ. मोलिना उन रिसर्चर्स में से एक थे, जिन्होंने बताया कि कैसे कैमिकल पृथ्वी के ओजोन कवच को नष्ट कर देते हैं, जोकि हानिकारक अल्ट्रावायलेट लाइट से मनुष्यों, पौधों और वन्यजीवों की रक्षा के लिए जरूरी है।

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बाथरूम को बनाया लेब :

डॉ. मोलिना का जन्म 19 मार्च, 1943 को मेक्सिको सिटी में हुआ था। उन्होंने मेक्सिको के नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की और जर्मनी के फ्रीबर्ग विश्वविद्यालय से एडवांस्ड डिग्री हासिल की। उनका साइंस के प्रति ऐसा जूनून था कि, उन्होंने अपने बाथरूम को ही एक अस्थायी प्रयोगशाला में बदल दिया था। उनका कहना था कि, माइक्रोस्कोप पर छोटे जीवों को सरकते हुए देखने की खुशी की तुलना किसी भी चीज से नहीं की जा सकती।

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ये थी इनकी पहली रिसर्च :

पढ़ाई पूरी करने के बाद, वह कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले और बाद में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च करने के लिए अमेरिका चले गए। 1970 के दशक की शुरुआत में, डॉ. मोलिना ने इस पर रिसर्च करना शुरू किया कि, किस तरह से सिंथेटिक रसायन पृथ्वी के वायुमंडल को प्रभावित करते हैं।

रसायन विज्ञान में जीता नोबेल पुरस्कार :

वह पहले ऐसे रिसर्चर थे, जिन्होंने यह पता लगाया कि, क्लोरोफ्लोरोकार्बन ओजोन लेयर को तोड़ रहे थे और अल्ट्रावायलेट किरणों को पृथ्वी की सतह तक पहुंचा रहे थे।उन्होंने और उनके साथी ने नेचर जर्नल में अपने निष्कर्ष प्रकाशित किए, जिसके बाद उन्होंने रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार जीता।

ग्राउंडब्रेकिंग रिसर्च मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की नींव बनकर तैयार हो गई। यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि थी, जिसने लगभग 100 ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों के उत्पादन पर सफलतापूर्वक प्रतिबंध लगा दिया। जिसे अब तक की सबसे प्रभावशाली पर्यावरण संधियों में से एक माना जाता है।

हार्ट अटैक की वजह से हुई मौत :

07 अक्टूबर, 2020 को 77 साल की उम्र में इस महान शख्सियत का हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया। मारियो मोलिना सेंटर मेक्सिको में एक प्रमुख शोध संस्थान है, जो एक अधिक टिकाऊ दुनिया बनाने के लिए अपना काम जारी रखता है।

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