स्नेहा मिश्रा
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब इरदुगान ने दक्षिण-पूर्व के तकरीबन 10 प्रांतों में 3 महीने के लिए आपातकालीन स्थिति की घोषणा कर दी है। यह घोषणा मंगलवार को एक बड़े भूकंप के झटकों के चलते की गई है।
सीरिया में कई क्षेत्रों में बचाव कार्यों के दौरान भयंकर तूफान ने सड़कों से आवागमन की प्रक्रिया को रोक दिया है। जिसके चलते भोजन और सहायता वितरण के रास्ते बंद हो गए हैं। इरदुगान ने कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय राहत कर्मचारियों और वित्तीय सहायता जैसे आपातकालीन उपायों को अपनाया जा रहा है।
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उन्होंने यह भी कहा कि, "हमने यह सुनिश्चित करने के लिए आपातकाल की स्थिति घोषित करने का फैसला किया है ताकि हम बचाव और पुनःप्राप्ति के कार्यों को जल्द-से-जल्द पूरा कर सकें। हम इस फैसले से संबंधित राष्ट्रपति और संसदीय प्रक्रियाओं को जितना जल्दी हो सके पूरा करेंगे। यह उन सभी प्रांतों को कवर करेगा, जहां भूकंप के झटकों का अनुभव किया गया है और यह तीन महीनों तक चलेगा।"
भूकंप के चलते तुर्की की सरकार द्वारा धीमी प्रतिक्रिया को देखते हुए इरदुगान सरकार की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना की जा रही है। सोमवार को 7.8 तीव्रता वाले इस भूकंप से तुर्की में तकरीबन 3,549 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि सीरिया के विद्रोही नियंत्रित हिस्से में लगभग 1,602 लोग मारे गए।
इरदुगान के अनुसार, सरकार 50,000 से अधिक सहायता कर्मियों को भूकंप ग्रसित क्षेत्र में भेजेंगे और वित्तीय सहायता के लिए करीब 100 अरब लीरा यानी कि 653 अरब डॉलर का योगदान करेगी। अपने बीते दो दशकों के शासनकाल में से यदि इस समय इरदुगान सरकार ऐसी प्राकृतिक आपदा से लड़ लेती है तो यह उनके 14 मई के राष्ट्रपति चुनावों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।